Pre budget discussion सरकार ने तीन साल पहले स्टाम्प ड्यूटी पर सेस लगाया था। सेस का उपयोग गोसंर्वधन में होना था, लेकिन नहीं हो रहा है। इसे किसी निजी संस्था को सौंपने के साथ निगरानी करनी चाहिए। गोवंश से दुर्घटना पर अंकुश लगेगा। गोवंश की देखरेख भी होगी।
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अपेक्षा
सरकार से उम्मीद है कि भामाशाह व आयुष्मान योजना का लाभ सबको मिले, इसके लिए बजट के साथ इसकी सही मॉनिटरिंग हों। भामाशाह योजना अच्छी होने के बाद भी गरीबों को लाभ नहीं मिल रहा है। सरकार को इस योजना पर ध्यान देने की जरूरत है।
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मंदी की बात
टेक्सटाइल क्षेत्र में कमजोर ग्राहकी के कारण चारों तरफ मंदी छाई है। सरकार का ध्यान भी टेक्सटाइल सेक्टर की ओर नहीं है। हालांकि कृषि के बाद सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले सेक्टर टेक्सटाइल ही है। बिजली महंगी होने से कई उद्योग अन्य राज्यों में पलायन कर चुके है।
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संभावना
हर वर्ग को इस बजट से आस है कि चिकित्सा, शिक्षा, बिजली के क्षेत्र में सरकार को कुछ ठोस कदम उठाने चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए विशेष घोषणा करनी चाहिए।
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मेरी बात
-जीडीपी को दो अंक में लाना है तो सरकार को खर्चे बढ़ाने होंगे। आधारभूत सुविधा व इंफ्रास्टे्रक्चर बजट में सुधार करना होगा। आमजन की खरीद क्षमता बढ़ेगी तभी जीडीपी दो अंक में आएगी। आमजन से ज्यादा टैक्स लेना है तो जीएसटी २५ प्रतिशत घटानी होगी।
राधेश्याम चेचाणी, अध्यक्ष महेश शिक्षा सेवा समिति
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सरकार की भामाशाह व आयुष्मान योजना में निजी चिकित्सालय शामिल है लेकिन सरकारी, निजी चिकित्सालय व एजेन्सी में तालमेल नहीं होने से गरीबों को लाभ नहीं मिलता है। बजट की मॉनिटरिंग नहीं होती है। निजी चिकित्सालय गरीबों के इलाज को तैयार है लेकिन दोनों योजनाओं को धरातल पर लाना होगा।
डॉ. नरेश पोरवाल, अस्थिरोग विशेषज्ञ
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शिक्षा क्षेत्र के लिए सरकार ने कई कदम उठाए है। जीएसटी दर १८ प्रतिशत थी, उसे कम्पोजिशन स्कीम में लेकर ६ प्रतिशत किया है, जो अच्छा कदम था। स्कील्डबेस्ड शिक्षा पर जोर देना चाहिए। इसके लिए अलग बजट दिया जाए।
प्रदीप लाठी, निदेशक, कोचिंग इंस्टीट्यूट
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गोसंवर्धन के नाम पर स्टाम्प ड्यूटी पर लिए जा रहे सेस को निजी हाथों में सौंपे ताकि सदुपयोग हो सके। आरटीई का पैसा निजी शिक्षण संस्थाओं के बजाय अभिभावक के खाते में डाले ताकि वह किसी भी विद्यालय में बच्चे को पढ़ा सकें। निजी शिक्षण संस्था पर अपने नियम कम थोपे ताकि पढ़ाई का स्तर अच्छा हों।
राजेन्द्र कचौलिया, पूर्व बार जिलाध्यक्ष
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हेल्थ सेक्टर के लिए सरकार को बजट बढ़ाना चाहिए। आयुष्मान भारत योजना अच्छी है। इसके लिए बजट बढ़े ताकि हर ग्रामीण को लाभ मिल सके। बढ़ती महंगी को रोकने के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए।
डॉ. शीतल अजमेरा, नेत्र रोग विशेषज्ञ
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भीलवाड़ा का मुख्य आधार टेक्सटाइल उद्योग है। राजस्थान में बिजली मंहगी होने से कई उद्योग पलायन कर मध्यप्रदेश व गुजरात चले गए है। सरकार की नई उद्योग नीति भी पोर्टल पर नहीं है। उद्योगिक श्रमिकों के बारे में विशेष योजना बनानी चाहिए। सरकार को उद्योगों के लिए जमीन के प्रस्ताव लेने चाहिए।
ललित पोरवाल, उद्यमी
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स्टाम्प ड्यूटी पर २० प्रतिशत सेस के बाद भी गायों के संर्वधन पर ध्यान नहीं है। डायरेक्ट व इनडायरेक्ट टैक्स का हर उपभोक्ता को फायदा मिले, ऐसी नीति लाई जाए ताकि कोई भी उपभोक्ता अप्रत्यक्ष टैक्स देता है तो क्रेडिट इनकम टैक्स में मिलना चाहिए। इससे ग्रे बाजार समाप्त होगा। हर व्यक्ति टैक्स देकर समान खरीदेगा।
विवेक लढ्ढा, सीए
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राजस्थान को विकास की श्रेणी में लाने के लिए टेक्सटाइल व पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देना होगा। बिजली दरें कम करनी होगी ताकि लोगों को रोजागर मिल सकेगा। नगर परिषद व नगर विकास न्यास को मजबूत करने के लिए कठोर कदम उठाने चाहिए।
मनोज चेचाणी, सीए
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पॉक्सो कोर्ट संचालित है लेकिन सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। भवन, इंफ्रास्ट्रक्चर व इंटरनेट की आवश्यकता है। कॉमर्शियल कोर्ट के लिए अजमेर जाना पड़ता है। इस बजट में इस न्यायालय को भीलवाड़ा में खोलने का प्रावधान किया जाना चाहिए।
कमल काष्ट, एडवोकेट
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भीलवाड़ा माइनिंग, टेक्सटाइल व चिकित्सालय हब है। इस क्षेत्र में सरकार अनुदान योजना लाए। इससे व्यापारियों को लाभ मिलेगा व रोजगार बढ़ेगा। औद्योगिक क्षेत्र के लिए लैंड बैक बनाएं। सस्ती दर पर जमीन उपलब्ध कराएं। घरेलू सोलर योजना में अनुदान दे तो कई लोगों को लाभ मिलने के साथ सरकार को भी फायदा होगा।
सुनील सोमानी, पूर्व चेयरमैन सीएसीएस
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चिकित्सा क्षेत्र में बजट बढ़ाएं। अन्य राज्यों के मुकाबले राजस्थान के डॉक्टरों पर मरीजों का भार अधिक है। भामाशाह स्वास्थ्य योजना का लाभ गरीबों को नहीं मिल पा रहा है। सरकार को इस योजना की मॉनिटरिंग करनी चाहिए।
डॉ. अमित तुरकिया, अस्थिरोग विशेषज्ञ
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१०वीं व १२वीं के बाद छात्र को पढ़ाई के साथ प्रेक्टिकल नॉलेज दिया जाए तो बेरोजगारी की समस्या समाप्त हो जाएगी। सरकार को चाहिए कि स्कील्ड डवलपमेंट में इस तरह की योजना को शामिल करें।
निशा सोनी, संचालक निजी कॉलेज
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सरकार बच्चे व युवाओं की शिक्षा पर ध्यान दे रही है पर महिला शिक्षा पर फोकस कम है। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए बजट में विशेष पैकेज घोषित कर महिलाओं को कम्प्युटर का बेसिक ज्ञान देना चाहिए।
कनुप्रिया बाहेती, इंजीनियर