शहर में चलते है 90 ऑटो टिपर
शहर के 70 वार्डो में घर-घर कचरा उठाने के लिए 100 से अधिक ऑटो टिपर है। इनमें से करीब 90 ऑटो टिपर प्रतिदिन घर-घर से कचरा लेने के बाद उसे स्टैंड पर डालते है। इस स्टैंड से कचरा दोपहर तक उठाया तो जाता है, लेकिन शहर में कई ऐसे अस्थाई कचरा स्टैंड है जहां पर सफाई कर्मचारी कचरा डाल रहे है। कचरा उठाने के लिए कई लोडर, डम्पर, ट्रैक्टर ट्रोली, जेसीबी समेत 200 से अधिक कर्मचारी लगे है।
1200 कर्मचारी फिर भी सफाई नहीं
शहर के 70 वार्डो में सफाई के लिए 1200 सफाई कर्मचारी लगा रखे है। इनमें से कुछ तो नगर परिषद में लगे है। कुछ जिला अधिकारियों के निवास पर भी लगे है। कई कर्मचारी तो केवल हाजरी भरकर पुन: लौट जाते है। कई वार्ड में तीन दिन में सफाई कर्मी एक बार नजर आते है। ऐसे में शहर की पूरी तरह से सफाई नहीं हो पा रही है।
नालियों में भरा कचरा
गली मोहल्ले में नालियों के ऊपर अतिक्रमण होने से उनकी सफाई तक नहीं हो पाती है। इसके कारण नालियों का गंदा पानी सड़कों पर फैलता है। कई बार को सफाई कर्मचारी नालियों का कचरा निकालकर रोड पर छोड़ देते है, जिसे तीन-चार दिन तक वही पड़ा रखते है। ऐसे में वह कचरा पुन: नालियों में चला जाता है।
इससे हो रही गंदगी
नगर परिषद के अनुसार एक व्यक्ति प्रतिदिन 250 ग्राम कचरा जेनेरेट करता है। इसमें पॉलिथीन, प्लास्टिक, रबर व खाने की सामग्री होती है। गाय व भैंस का गोबर भी कचरा बढ़ाने का मुख्य कारण होता है। कुछ जगहों पर तो बिल्डिंग के रॉ मेटेरियल से भी कचरा बढ़ रहा है। शहर की आबादी दिनों दिन बढ़ रही है. प्रत्येक माह नए घर बन रहे हैं। कचरे का भार भी दिनों दिन बढ़ रहा है। लेकिन उसे उठाने वाला कोई नहीं है।
जल्द करेंगे रात्रिकालिन सफाई
बोर्ड बैठक में लिए गए निर्णय अनुसार जल्द ही रात्रि कालीन सफाई व्यवस्था शुरू की जाएगी। इसके लिए टैंडर कर रहे है। इसमें कम से कम 200 सफाई कर्मचारी काम करेंगे। ताकि शहर के मुख्य बाजार की सफाई हो सकेगी।
हेमाराम चौधरी, आयुक्त नगर परिषद भीलवाड़ा