10 जुलाई को देवशयनी व 4 नवंबर को देवउठनी एकादशी होने से भगवान 117 दिन विश्राम करेंगे। पिछले साल 118 दिन विश्राम किया था। 2020 में अधिमास होने से चातुर्मास की अवधि 148 दिन की थी।
14 जुलाई से सावन
13 जुलाई को स्नान-दान पूर्णिमा के अगले दिन 14 जुलाई को श्रावण माह की शुरुआत होगी। समापन 11 अगस्त को रक्षाबंधन पर होगा। इस तरह श्रावण मास 29 दिन का ही रहेगा। इससे पूर्व आषाढ़ में 30 जून से गुप्त नवरात्रा प्रारंभ होंगे। पंडित अशोक व्यास ने बताया कि सावन में 18 दिन विशेष योग रहेंगे। 15 से 25 तक लगातार 8 दिन और 1 से 12 अगस्त तक लगातार 11 दिन विशेष योग रहेंगे।
देवउठनी एकादशी 4 नवंबर को
व्यास के अनुसार जून माह में शुक्रवार को और जुलाई में 3, 4, 6, 7, 8 और 9 जुलाई का इस सीजन का आखिरी सावा रहेगा। चार माह बाद 4 नवंबर को देवउठनी एकादशी के अबूझ मुहूर्त में कुछ लोग विवाह कर सकते हैं, लेकिन शुक्र ग्रह इस दौरान अस्त ही रहेगा। शुक्र 26 नवंबर को दोपहर 12:08 बजे पश्चिम दिशा में उदित होगा। अगले सर्दी सीजन का पहला लग्न मुहूर्त 28 नवंबर को होगा। इसके साथ ही विवाह शुरू होंगे। यानी 9 जुलाई से 28 नवंबर तक देव प्रबोधनी एकादशी को छोड़कर विवाह की शहनाइयां नहीं बजेंगी। नवंबर और दिसंबर में कुल 12 दिन मुहूर्त रहेंगे।