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भीलवाड़ा यूआईटी ने योजना बनाने में ही लगा दिए लाखों

Bhilwara UIT spent lakhs in planning itself वस्त्रनगरी को देश दुनियां के नक्शे में स्थापित करने के लिए नगर विकास न्यास ने एक दशक में दस बड़ी योजनाएं बनाई, कागजों पर उतारने के लिए लाखों रुपए खर्च भी किए गए, लेकिन इनमें से अधिकांश योजना अभी ठंडे बस्ते में है।

भीलवाड़ाJul 26, 2021 / 12:35 pm

Narendra Kumar Verma

Bhilwara UIT spent lakhs in planning itself

Bhilwara UIT spent lakhs in planning itself

भीलवाड़ा। वस्त्रनगरी को देश दुनियां के नक्शे में स्थापित करने के लिए नगर विकास न्यास ने एक दशक में दस बड़ी योजनाएं बनाई, कागजों पर उतारने के लिए लाखों रुपए खर्च भी किए गए, लेकिन इनमें से अधिकांश योजना अभी ठंडे बस्ते में है। योजनाओं की इसी पोटली में कोठारी नदी के उस पार नया भीलवाड़ा शहर बसाने की योजना भी बंध कर रह गई है। वही मेडिसिटी योजना अस्तित्व में आने से पहले ही विवादों में उलझी हुई है। सत्तारूढ पार्टी की चुप्पी है तो भाजपा भी मौन साधे है।
कांग्रेस के पूर्ववर्ती शासन में वर्ष 2013 में नगर विकास न्यास ने बहुद्देश्यीय योजना को कागजों में उतारा था, लेकिन भाजपा के शासन में वर्ष 2017 में यह योजना मिनी सचिवालय व विजयराजे सिंधिया इंडस्ट्रीयल एरिया में तब्दील हो गई। वस्त्रनगरी की यह दोनों महत्वकांक्षी योजना ठंडे बस्ते मेंं है। इनमें विजयराजे योजना तो निरस्त हो गई, वही मिनी सचिवालय योजना को नगर विकास न्यास ने जयपुर में अटका रखा है।
8340 बीघा की है बहुद्देश्यीय योजना

2111 हैक्टेयर (8340 बीघा) क्षेत्र में बहुद्देश्यीय योजना प्रस्तावित है। इस योजना के प्रथम चरण में विजयराजे सिंधिया इंडस्ट्रीयल एरिया की स्थापना प्रस्तावित की गई थी। ये एरिया उपनगर सांगानेर के ट्रेचिंग ग्राउंड के निकट है। इस नए औद्योगिक नगर के लिए न्यास ने 850 बीघा भूमि आरक्षित की हुई है। मिनी सचिवालय में मेडिकल कॉलेज अस्तित्व में आ गया, लेकिन आरएसी बटालियन, कृषि उपज मंडी समिति, जिला कारागार, केन्द्रीय विद्यालय भवन, पर्यटक हाउस, ट्रांसपोर्ट भवन, सर्किट हाउस, होटल, क्लब, न्याय भवन समेत विभिन्न सरकारी भवनों को निर्माण कार्य शेष भूमि में प्रस्तावित है।
मेडिसिटी भी हो गई होल्ड

आजादनगर योजना क्षेत्र में ट्रेफिक पार्क के निकट मेडिसिटी विकसित करने के लिए न्यास ने 40 बीघा चिंहित की है। इसमें 10 लाख 59 हजार 748 वर्गफीट जमीन आरक्षित की है। इसमें अस्पताल,डिस्पेंसरी, डायग्नोस्टिक सेंटर व नर्सिग होम के लिए तीन लाख ९६ हजार ४९८ वर्ग भूमि आरक्षित है। चिकित्सा संबंधित वाणिज्यिक उपयोग के लिए एक लाख ८० हजार व पार्किग के लिए एक लाख ५०५२ तथा रोड के लिए तीन लाख १७ हजार ९७० वर्गफीट जमीन आरक्षित है। प्रोपर्टी रजिस्ट्रर खोल दिया गया। मेडिसिटी जयपुर के एसएमएस अस्पताल की भांति विकसित किया जाना है। यहां तीन सौ बैड का चिकित्सालय भी प्रस्तावित है। लेकिन यह योजना आपसी खींचतान के बाद जयपुर में होल्ड है।
इन्हें तो भूल ही गए

चित्तौडऱोड स्थित हाईवे के निकट न्यास ने ट्रांसपोर्ट नगर स्थापित करने की योजना आठ साल पहले बनी थी। योजना को सतह पर लाने के लिए न्यास ने भीलवाड़ा बाइपास रोड पर डीटीओ के निकट २९३ बीघा भूमि आरक्षित की और भूमि अवाप्ति भूमि भी शुरू की, लेकिन यह योजना एक साल से सरकारी फाइल में बंधी है। इसी प्रकार पुर में रहस्यमय तरीकों से मकानों में आई दरारों से प्रभावित लोगों के लिए नया पुर बसाने व रामप्रसाद नगर में स्थापित करने की योजना भी कानूनी दावपेच में उलझी है। सांगानेर पुलिया पर हाईलेबल आरोबी निर्माण की बजट घोषणा पर न्यास की चुप्पी

ट्रेफिक पार्क जनता के लिए खुला ही नहीं

नगर विकास न्यास का एक दशक पूर्व लाखों की लागत से आजाद नगर में बना ट्रेफिक पार्क आज तक जनता के लिए नहीं खुला, स्कूलों के लिए कुछेक अवसर पर खुला यह ट्रेफिक पार्क को न्यास ने गत पखवाड़े एमओयू में उलझा कर जिला परिवहन विभाग के पाले में डाल दिया है। एमओयू को लेकर पहले ही कई संगठन एतराज जता चुके है। नगर विकास न्यास की निजी बस स्टैंड योजना व रामप्रसाद उपाध्याय स्टेडियम भी अभी कागजों में ही चल रही है।
राज्य सरकार को भिजवा रखे प्रस्ताव
कार्यवाहक सचिव महिपाल सिंह बताते है कि बहुद्देश्यीय योजना से जुड़ी परियोजनाएं राज्य सरकार से संबधित है, इस संदर्भ में सरकार को प्रस्ताव भिजवा रखे है, अन्य योजनाओं की भी समीक्षा की जा रही है। ट्रेफिक पार्क का बेहतर संचालन हो, इसके लिए डीटीओ से एमओयू हो चुका है।
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