भीलवाड़ा जोन के उद्यमियों को बड़ा फायदा
79 हजार एन्ट्री लंबित प्रकरण निपटेंगेमेवाड़ चेम्बर दो साल से कर रहा था मांगएमनेस्टी स्कीम 30 नवम्बर तक लागू
भीलवाड़ा जोन के उद्यमियों को बड़ा फायदा
भीलवाड़ा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बुधवार को पेश बजट में व्यापारियों व टेक्सटाइल उद्यमियों के लिए बड़ी राहत मिली। दो साल से लम्बित एमनेस्टी स्कीम तुरंत लागू करने का एेलान किया गया। आरआइपीएस योजना में राहत उद्यमियों के लिए मददगार साबित होगी।
एमनेस्टी स्कीम से भीलवाड़ा के टेक्सटाइल उद्यमियों को राहत मिलेगी। उद्यमी पुराने राज्य कर, बिक्री, वेट, प्रवेश, मनोरंजन एवं लक्जरी कर के बकाया प्रकरणों को लेकर विभाग के नोटिस से खासे परेशान थे। सरकार ने कई टेक्स समाप्त कर दिए लेकिन बकाया मामलों के निस्तारण के लिए घोषणा नहीं करने से ये मामले विभाग व व्यापारियों के बीच चल रहे थे। इसे लेकर मेवाड़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इण्डस्ट्री व अन्य उद्यमी हाल में उद्योग मंत्री व वित्त सचिव से मिले थे। लम्बित सैकड़ों प्रकरणों को समाप्त करने के लिए एमनेस्टी स्कीम लागू करने की मांग की थी।
पहले आवेदन यानी ज्यादा लाभ
वाणिज्यिक कर विभाग के अतिरिक्त आयुक्त मोहम्मद हुसैन अंसारी ने बताया, राज्य सरकार ने पहली बार ब्याज व पेनल्टी के साथ टैक्स में छूट का प्रावधान किया। यह स्कीम 30 सितम्बर 2021 तक लागू होगी। पहले आवेदन करने वाले को ज्यादा फायदा मिलेगा। यानी 31 मार्च तक आवेदन करने वाले को छूट का 5 प्रतिशत अधिक लाभ मिलेगा। 30 जून तक उससे कम तथा 30 नवम्बर तक करने वाले को इससे भी कम छूट मिलेगी। मूल टेक्स में पहली बार छुट दिया जा रहा है। इसका फायदा लेना चाहिए। कर निर्धारण के एक्स पार्टी आदेशों को रि-ऑपन करने व संशोधन करने के आवेदन की समयावधि भी बढ़ाई है।
79 हजार एंट्री में होगा फायदा
वाणिज्यिक कर विभाग के अतिरिक्त आयुक्त हुसैन ने बताया कि भीलवाड़ा जोन के भीलवाड़ा, चित्तौडग़ढ़, राजसमन्द तथा प्रतापगढ़ जिलों की करीब 79 हजार एन्ट्री लम्बित है। इनमें करीब 483 करोड़ रुपए बकाया है। इसमें ब्याज, पेनल्टी के साथ टेक्स में भी छूट मिलेगी।
राजस्थान में ही मिलेगी छूट
चेम्बर महासचिव आरके जैन ने बताया कि मुख्यमंत्री ने त्रुटिपूर्ण डिक्लेरेशन फार्म को संशोधित करने एवं बकाया डिक्लेरेशन फॉर्म जमा करने की समय सीमा भी 30 जून तक बढ़ा दी। व्यापारियों को ई-वे बिल में भी राहत दी है। इसके तहत राजस्थान राज्य में माल परिवहन के लिए ई-वे बिल जारी करने की छूट सीमा 50 हजार तक थी। यह सीमा बढ़ाकर 1 लाख रुपए करने से कपड़ा व्यापारियों को राज्य की सीमा में एक से दूसरे स्थान माल भेजने में आसानी होगी। इस मांग को लेकर मेवाड़ चेम्बर ने मुख्यमंत्री को कई पत्र लिखे थे।
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