पिछले दो दिनों में ऊपरमाल सहित बनास से जुड़े क्षेत्र में 15 इंच से अधिक बारिस हुई। यह सारा पानी बीसलपुर बांध में गया। बनास नदी ने अजमेर, जयपुर व टोंक जिले के लाखों निवासियों की प्यास बुझाने के लिए 44 हजार करोड लीटर (440 मिलियन क्यूबिक मीटर) पानी बीसलपुर की गोद में उड़ेला है। बीसलपुर का लेवल दो दिन में 310.50 आरएल मीटर से बढ़कर छलकने की कगार पर है। पर पहुंचा गया है। ऊपरमाल क्षेत्र के सभी बांध व तालाब से ओवरफ्लो हुआ पानी बीसलपुर में जा रहा है।
यहां से निकलती है बनास कुम्भलगढ़ के पास वैरों का मठ से निकली यह बनास नदी नाथद्वारा, कंकरोली, राजसमंद और भीलवाड़ा जिले में बहती हुई टोंक जिले के बीसलपुर बांध में जाकर मिलती है। इससे पहले बीगोद के निकट त्रिवेणी संगम पर चित्तौडग़ढ़ की बेड़च व गंभीरी नदी भी मिलती है। बीसलपुर से निकलकर बनास सवाईमाधोपुर के बाद रामेश्वरम् के नजदीक चंबल में मिलती है। बनास की कुल लंबाई लगभग 480 किलोमीटर है। बीसलपुर बांध में 70 प्रतिशत पानी भीलवाड़ा जिले से जाता है। 15 अगस्त के दिन बीसलपुर का गेज 310.50 आरएल मीटर था, जो अब छलकने का आतुर है।
70 प्रतिशत भीलवाड़ा का हक वस्त्रनगरी लम्बे समय से पेयजल संकट से जूझती रही है। इसके निराकरण के लिए शहर के लोग बीसलपुर से पानी की मांग करते रहे, लेकिन नसीब नहीं हो सका। हालांकि बीसलपुर बांध के पानी की ट्रेन नसीराबाद से भीलवाड़ा आती थी। इसके बाद कंकरोलिया घाटी से भीलवाड़ा पानी लाया गया। अब चम्बल नदी का पानी मिलने से पेयजल समस्या का समाधान हो सका है।