मीणा का जन्म 4 जनवरी 1950 को अमरवासी कस्बे में हुआ था। भाजपा के पूर्व विधायक शिवजी राम मीणा जहाजपुर के साथ ही प्रदेश में जाना माना चेहरा था और उनकी गिनती भाजपा के दंबग नेता में होती थी। वह पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबियों में माने जाते थे। जहाजपुर विधायक गोपीचंद मीणा व भाजपा एसटी मोर्चा के महामंत्री महेन्द्र मीणा ने रोपां में श्रद्धाजंलि अर्पित की।
मीणा वर्ष 1989-1990 में पहली बार जनता दल से विधायक बने व कांग्रेस में शामिल हुए। वर्ष 1995 में सीआर का निर्दलीय चुनाव लड़े व जीत और प्रधान बने। इसके बाद वह भाजपा में शामिल हुए। वर्ष 2003 में जहाजपुर विधानसभा में भाजपा से चुनाव लड़ा और जीते। वर्ष 2008 में वह विधायक चुने गए। लेकिन वर्ष 2013 में वह कांग्रेस प्रत्याशी धीरज गुर्जर से चुनाव हार गए। वर्ष 2014 में पीपलून्द से पंचायत समिति सदस्य का चुनाव लड़े और जीतकर प्रधान बने थे। वह एक बार भाजपा जिलाध्यक्ष भी रहे।
उनके पार्थिव शरीर को पीपीई किट में भीलवाड़ा से पैतृक गांव अमरवासी ले जाया गया। राह में उनके समर्थकों, भाजपा कार्यकर्ताओं, ग्रामीणों ने कोविड की पालना करते हुए श्रद्धाजंलि अर्पित की। शाहपुरा के राजकीय महाविद्यालय से स्नातक और फिर अजमेर के जी सी से स्नातकोत्तर करने के बाद शिवजी राम मीणा ने टोंक में उपनिदेशक खादी के रूप में अपनी सेवाएं दी। और फि र साल 1990 में केंद्रीय मंत्री नाथूराम मिर्धा के संपर्क में आए। यहां से उनका राजनीतिक जीवन शुरू हुआ। और आशीर्वाद से उन्हें जहाजपुर विधान सभा क्षेत्र से जनता दल का टिकट मिला था जहाजपुर भाजपा और जनता दल के बीच फ्रेंडली फ ाइट की सीट थी त्रिकोणात्मक संघर्ष में उन्होंने जहाजपुर के कद्दावर नेता लम्बे समय तक प्रधान और उस समय तक लगातार दो बार रिकॉर्ड मतों से जीतने वाले स्वर्गीय रतन लाल जी तांबी को चुनाव हराकर अपने राजनीति के सफ र की शुरुआत की थी।