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भीलवाड़ा

डॉन और जल्दी अमीर बनने की ख्वाइश में बना डाली लुटेरी गैंंग, सोशल मीडिया से लिया आइडिया, देखे कई वीडियो, अब पछतावा

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भीलवाड़ाJul 23, 2018 / 09:50 pm

tej narayan

case kidnap and ransom gangs on highway in bhilwara

case kidnap and ransom gangs on highway in bhilwara

भीलवाड़ा।

पुर पुलिस के हत्थे चढ़ी हाइवे पर अपहरण कर लूट की वारदात करने वाली गैंग की कहानी बड़ी अजीबोगरीब है। गैंग में शामिल लोग सीधे-साधे थे। दिहाड़ी मजदूरी करते और परिवार का पेट पालते। लेकिन जल्द अमीर बनने का लालच और आधुनिकता की दौड़ में अलग दिखने की चाह में अपराध का रास्ता अपना लिया। मूलत: सीकर जिले के रहने वाले तीन आरोपियों ने वहां पनप रहे गैंगस्टर की तरह डॉन बनने की ख्वाइश में लुटेरी गैंंग बना ली। एक के बाद एक वारदात की। अंत नहीं सोचा और आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गए। अब पछतावा है कि उन्होंने गलत रास्ता चुना।
यह कहानी शुरू हुई सीकर जिले से। सीकर में राजू ठेहट व बलवीर बानूड़ा जैसी कई गैंग काम कर रही है। मुख्य सरगना सीकर के गढ़ी खानपुर निवासी जगवीरसिंह शेखावत ने अपने इलाके में इन गैंग के नाम सुने। उनकी तरह डॉन बनने की सोच में आई। बस फिर क्या था अपने साथी सीकर के रलावती बांसड़ी तहसील दांतारामगढ़ निवासी गजेन्द्रसिंह शेखावत, नयावास निवासी सम्पतसिंह शेखावत तथा किशनगढ़ रेनवाल थाना रेनवाल (जयपुर) निवासी जयप्रकाश उर्फ जेपी जाट को साथ लिया। कम समय में अधिक कमाई के लिए उन्होंने हाइवे पर अपहरण कर फिरौती की बात सोची।
वारदात से पहले देखा यू-ट्यूब पर वीडियो

पुर थानाधिकारी गजेन्द्रसिंह ने बताया कि गैंग बनाने के बाद आरोपियों ने वारदात करने से पहले यू-ट्यूब पर कई वीडियो देखे। इनमें हाइवे पर लूट की वारदात को कैसे अंजाम दिया जाए। यहीं नहीं, गैंगस्टरों के बारे में भी सोशल मीडिया पर जानकारी ली। क्राइम पेट्रोल के भी कई एपिसोड देखे। उसके बाद वारदात करने निकल गए। गैंग में शामिल लोग फर्शी और टाइल्स लगाने का काम करते थे। इसके लिए ठेके लेते थे। लेकिन यह काम छोड़कर अपराध का रास्ता अपनाया।
एमपी से खरीदे हथियार

प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि हाइवे पर वाहन रोककर लोगों को धमकाने के लिए हथियार की जरूरत थी। इसके लिए यह मध्यप्रदेश के मुरैना समेत कई इलाकों में घूमे। वहां से हथियार खरीदे। उसके बाद वारदात करने के लिए वाहन का बंदोबस्त सोचा। पहले कार चोरी की और उसके बाद हाइवे पर जाने वाले लोगों के वाहन लूट ले जाते।
मकान किराए दे, पहले तस्दीक करवाए

आरोपियों ने बंधक बनाए लोगों को रखने के लिए पटेलनगर में परिचित का मकान किराए पर लिया। मकान मालिक ने देखा भी नहीं कि यह मकान किस काम के लिए लिया गया। एएसपी पारस जैन का कहना है कि बिना तस्दीक के मकान किराए पर नहीं दे। गैंग के लोग दिन में उस मकान में आराम करते थे और रात में वारदात करने निकले थे। एेसे में लोगों से अपील की गई है कि थोड़ा से भी किसी को असामान्य गतिविधि लगे तो वह पुलिस तत्काल सूचना दें।
गैंग के चार सदस्यों को बापर्दा जेल भेजा गया

चारों आरोपियों को बापर्दा मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट की अदालत में पेश किया गया। जहां से जेल भेज दिया गया। उनकी इंदौर के दम्पती शिनाख्त परेड करेंगे। मालूम हो, आरोपी ने तीन दिन पहले हजारी खेड़ा बाइपास पर मध्यप्रदेश के जायरीन दम्पती को पिस्टल से धमका कर अपहरण किया था। पटेलनगर में बंधक बनाकर उनसे मारपीट की थी। उनसे रिहाई के बदले दस लाख रुपए की फिरौती मांगी। युवक की जेब से चार हजार, मोबाइल, चेक व महिला के पास से सोने-चांदी के आभूषण ले लिए। इस दौरान युवक ने होशियारी दिखाते हुए खिड़की कूद भागने लगा। लुटेरों ने उस पर फायर कर दिया। लेकिन वह बच गया। वह दौड़कर रोड पर आया और किसी से मोबाइल लेकर परिजनों को इंदौर में फोन किया।

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