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भीलवाड़ा

200 से अधिक साधु-साध्वियों की उपस्थिति में चातुर्मास की घोषणा

आचार्य महाश्रमण का आदित्य विहार में चातुर्मास शुरूतेरापंथ अनुशास्ता ने किया मर्यादा पत्र का वाचन, चार माह तक बहेगी धर्मगंगा

भीलवाड़ाJul 24, 2021 / 09:12 am

Suresh Jain

200 से अधिक साधु-साध्वियों की उपस्थिति में चातुर्मास की घोषणा

200 से अधिक साधु-साध्वियों की उपस्थिति में चातुर्मास की घोषणा

भीलवाड़ा।
आदित्य विहार तेरापंथ नगर के महाश्रमण सभागार में शुक्रवार को 200 से अधिक साधु-साध्वियों की पंक्तिबद्ध उपस्थिति पूरे वातावरण को अध्यात्ममय बना रही थी। मौका था चातुर्मास स्थापना का। अहिंसा यात्रा प्रणेता आचार्य महाश्रमण के सान्निध्य में शुक्रवार को चातुर्मास स्थापना कार्यक्रम हुआ। मंत्रोच्चार के माध्यम से आचार्य ने भीलवाड़ा चातुर्मास स्थापना की घोषणा की। इस अवसर पर सभी साधु-साध्वियों ने भी त्रिपदी वंदना एवं मंत्रों का पाठ किया।
चातुर्मास के शुभारंभ अवसर पर आचार्य महाश्रमण ने कहा कि व्यक्ति अपने जीवन में लक्ष्य निर्धारित करता है, मंजिल तय करता है, लेकिन निर्धारित मंजिल तक पहुंचने के लिए मार्ग का ज्ञान और मार्गदर्शक जरूरी है। मंजिल उसी को मिलती है, जो निरंतर गतिशीलता के साथ चलता है। गति मंद भले हों, पर बंद न हो तो मंजिल मिलना मुश्किल नही है। आध्यात्म के संदर्भ में साधना के आलोक में हमारा सबसे ऊंचा लक्ष्य मोक्ष है। उस मोक्ष मार्ग के पथ प्रदर्शक अर्हत तींथर्कर भगवान होते है, वर्तमान में आचार्य-गुरु ही सच्चे मार्गदर्शक होते है जिनके सान्निध्य में व्यक्ति आगम वाणी को आत्मसात करते हुए ज्ञान, दर्शन, चारित्र और तप इन चार समुच्चय की आराधना करते हुए मोक्ष का वरण कर सकता है।
आचार्य ने कहा कि चातुर्मासिक चतुर्दर्शी एक विशिष्ट पहचान लिए हुए है क्योंकि आज से चातुर्मास का प्रारंभ है। चार माह तक एक ही स्थान और क्षेत्र में रहकर संत समुदाय भी आराधना सहजता से कर सकते है। चातुर्मास में जितना हो सके, आगम स्वाध्याय और ज्ञान आराधना का क्रम होना चाहिए। चातुर्मास का अवसर सामने है। श्रावक समाज जितना हो सके, आध्यात्मिक धार्मिक आयोजन में सम्भागी बनकर अपनी आत्मा का कल्याण करते हुए आध्यात्मिक साधना में योग भूत बने। कोरोना काल में सावधानी, जागरूकता के साथ जितना हो सके, अपनी अनुकूलता अनुसार जप-तप, प्रवचन श्रवण आदि धार्मिक अनुष्ठान से भी अपने आध्यात्मिक विकास की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का प्रयास करते रहना चाहिए।
लम्बे समय बाद यह प्रथम अवसर था, जब आचार्य के समक्ष साधु-साध्वियां सामूहिक रूप से उपस्थित थे। आचार्य ने इस दौरान मर्यादा पत्र का वाचन किया। मर्यादा पत्र में आचार्य भिक्षु द्वारा लिखित मर्यादाएं है। परंपरा अनुसार हर माह की चतुर्दर्शी को हाजिरी वाचन आचार्य द्वारा किया जाता है। कार्यक्रम में बालमुनि प्रियांशु कुमार, मुनि जयेश कुमार, मुनि ज्योतिर्मय कुमार, मुनि मार्दव कुमार, मुनि खुश कुमार, मुनि अर्हम कुमार, मुनि ऋषि कुमार और मुनि रत्नेश कुमार ने पत्र का वाचन किया।
पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने किए आचार्य के दर्शन
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने शुक्र वार को आचार्य के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। आचार्य ने अहिंसा यात्रा सद्भावना, नैतिकता एवं नशामुक्ति के उद्देश्यों की जानकारी दी। इस दौरान मांडल विधायक रामलाल जाट, कांग्रेस नेता गोपाल केशावत, कांग्रेस महिला जिलाध्यक्ष रेखा हिरण, मंजू पोखरणा, ओम नाराणीवाल उपस्थित थे।

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