उनका कहना था कि बांगड होस्पीटल में से ही वो सबसे पहले महात्मा गांधी चिकित्सालय पहुंचे, उनकी ही जागरूकता थी कि भीलवाड़ा में कोरोना पॉजिटिव होने के बारे में समय रहते पता चल गया। हालांकि कोरोना वायरस बांगड होस्पीटल में कैसे पहुंचाए इसके सवाल पर वो बोलेए यदि होस्पीटल के दो सदस्य अपनी यात्रा के बारे में स्पष्ट बता देते तोए हालात विकट नहीं होते। एमजीएच से छह में से तीन कर्मियों को देर शाम एम्बुलेंस के जरिए उनके पैतृक गांव भेजा गया। Corona: Wuhan would be built in Bhilwara if kept silent