अधिकारी उसके कहे अनुसार काम करते थे। सूत्रों से जानकारी मिलने के बाद एसीबी ने कैलाश धाकड़ और तहसीलदार लालाराम यादव को राडार पर लेते हुए उनके मोबाइल सर्विलांस पर डाल दिए। पिछले तीन माह से सर्विलांस के दौरान कैलाश के कई बड़े अधिकारियों से दलाली को लेकर बातचीत की जानकारी मिली। एसीबी की भीलवाड़ा के कुछ बड़े अधिकरियों को टे्रप करने की योजना थी।
एसीबी सूत्रों के मुताबिक तकनीकी आधार पर तहसीलदार लालाराम से रिश्वत की राशि मांग को लेकर सत्यापन कराने में कोई परेशानी नहीं हुई। क्योंकि तहसीलदार ने दलाल और रिश्वत देने के आरोपी दीपक से बेखौफ होकर मोबाइल पर बात की। इससे एसीबी के लिए सत्यापन कराना आसान रहा। दीपक ने तहसीलदार के भाई के खाते में तीन लाख रुपए डाल दिए। खाते में राशि डाले जाने के बाद तीन महीने से हो रही मेहनत को एसीबी बेकार नहीं करना चाहती थी। रिश्वत की पूरी चेन को ब्रेक करना जरूरी हो गया। एेसे में बड़े अफसरों पर कार्रवाई के लिए समय नहीं मिला। सोमवार को आनन-फानन में टीम गठित कर कार्रवाई के लिए एसीबी जयपुर से रवाना हुई।
सबको एकत्र कर भीलवाड़ा लाए, आमने-सामने हुई पूछताछ
एसीबी टीम ने चार स्थानों पर दबिश देकर पांच जनों को हिरासत में लिया। सभी को कृषि उपज मण्डी स्थित एसीबी की विशेष शाखा लाया गया। यहां रिश्वत के मामले में सभी को आमने-सामने करके पूछताछ हुई। उसके बाद चार जनों की गिरफ्तारी बताई । तहसीलदार और दलाल कैलाश के घर से कई दस्तावेज भी मिले। इन दस्तावेजों की एसीबी गहनता से जांच कर रही है।
बिजौलियां अफसरों की पहली पसंद
ऊपरमाल क्षेत्र बिजौलियां में बड़े पैमाने पर पत्थर का खनन होता है। यहां विभिन्न महकमों में लगने के लिए अधिकारी इच्छुक रहते है। ऐसे में यहां पर भी एसीबी विशेष नजर रखती है। भष्टाचार को लेकर पिछले दो-तीन सालों में एसीबी कई कार्रवाई कर चुकी है। एेसे में इलाका चर्चित रहता है। खनन व्यवसायी कैलाश धाकड़ का बिजौलियां के पथिकनगर में आलीशान मकान है। मूलत: यह बिजौलियां के पास नया गांव का रहने वाला है। पूर्व में भी एसीबी यहां खनन विभाग के अभियन्ता गोपाल बच्छ को दलाल के जरिए रिश्वत लेते गिरफ्तार कर चुकी है।