भीलवाड़ा-कोटा राजमार्ग 758 के दोनों और बना नाला जगह.जगह से टूटा होने के कारण हादसे का अंदेशा बना हुआ है। लेकिन जिम्मेदार विभाग को इसकी कोई चिंता नहीं है। हाईवे के नाले पर कई जगहों पर ढक्कन टूटे हुए हंै तो कई जगह से नाला टूटा हुआ है। सवाईपुर में राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के मुख्य द्वार के निकट नाले का एक बड़ा सा हिस्सा टूटा हुआ है। इससे वहां जरा सी चूकी भी भारी पड़ सकती है।
राजमार्ग किनारे पटरी पर उगी कंटीली झाडिय़ों से थोड़ी चूक भी दुपहिया व चौपहिया वाहनों पर भारी पड़ सकती है। मुख्य बस स्टैंड पर नाले के सहारे सड़क पर मलबे के ढेर लगे पड़े हैं। डिवाइडर पर लगी रोड लाइट आधी अधूरी जलती है। कभी जलती है तो कभी बंद हो जाती है। इससे हमेशा हादसे का अंदेश बना रहता है।
पुलिया पर निकल रहे लाहे के सरिए भीलवाड़ा जिले के शकरगढ़ थाने से 500 मीटर की दूरी पर ब्यावर-उनियारा नेशनल हाईवे 148 डी पर मेज नदी की पुलिया पर गड्डे व लोहे के सरिए निकले हुए हैं। इन सरियों से कई वाहन अनियंत्रित होकर दुर्घनाग्रस्त हो चुके हैं। इसे बावजूद इसे आज तक सही नहीं किया गया है।
डिवाइडर पर बैठे पशु कभी भी बन सकते हैं काल नेशनल हाइवे पर पर डिवाइडर पर बैठे पशु कभी वाहन चालकों के लिए काल बन सकते हैं। इसके चलते पूर्व में कई दुर्घटनाएं हो चुकी है। कई जगहों क्षतिग्रस्त हिस्सा अभी तक दुरुस्त नहीं किया गया है । ऐसे में कोहरे के चलते उक्त स्थान पर दुर्घटनाओं की आशंका और बढऩे लगी है। लोगों का कहना था कि उक्त स्थान पर छोटे.बड़े कई वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। कोहरे में अब और अधिक खतरा बढ़ जाएगा। क्योंकि वह स्थान पहले से ही एक्सीडेंट प्वाइंट बना हुआ है। नेशनल हाइवे पर ही घूम रहे आवारा पशु सफर को और अधिक जोखिम भरा बना रहे हैं।