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भीलवाड़ा

चौकिए मत, ग्रीनबेल्ट पर भी नहीं रहा सरकारी नियंत्रण, यहां यूआईटी लगा सकती उद्योग

नगर विकास न्यास (यूआइटी) ने मास्टर प्लान में ग्रीनबेल्ट के लिए संरक्षित होने के बावजूद भीलवाड़ा तहसील के जीपिया गांव में बेशकीमती जमीन अन्य प्रयोजनार्थ आवंटित कर दी। नियमों से परे जाकर गुपचुप तरीके से भू उपयोग परिवर्तन करते हुए करीब ५१ बीघा जमीन एग्रो फूड पार्क के लिए दे दी गई।

भीलवाड़ाJul 21, 2019 / 07:33 pm

Narendra Kumar Verma

Do not vote, not even on green belt government control, UIT can employ

Do not vote, not even on green belt government control, UIT can employ

नरेन्द्र वर्मा

भीलवाड़ा. नगर विकास न्यास (यूआइटी) ने मास्टर प्लान में ग्रीनबेल्ट के लिए संरक्षित होने के बावजूद भीलवाड़ा तहसील के जीपिया गांव में बेशकीमती जमीन अन्य प्रयोजनार्थ आवंटित कर दी। नियमों से परे जाकर गुपचुप तरीके से भू उपयोग परिवर्तन करते हुए करीब 51 बीघा जमीन एग्रो फूड पार्क के लिए दे दी गई। (food park )पेराफेरी क्षेत्र में आने वाले जीपियां गांव की इस जमीन के लिए इसके लिए भू उपयोग परिवर्तन के संबंध में यूआइटी ने एक समाचार पत्र में सूचना जारी कर आपत्तियां भी मांगी थी।प्रदेश में राजस्थान हाइकोर्ट (high court ) ने मास्टरप्लान में ग्रीनबेल्ट की जमीन किसी भी प्रकार के व्यावसायिक व गैर व्यावसायिक उपयोग पर रोक लगा रखी है। इस बारे में राज्य सरकार ने स्थानीय निकायों को स्पष्ट आदेश जारी कर रखे हैं। इसके बावजूद जीपिया में ग्रीनबेल्ट (green blet) की जमीन पर एग्रो फूड पार्क की स्थापना की फाइल न्यास में गुपचुप तरीके से चलती रही। पिछले माह इस सम्बन्ध में एक समाचार पत्र में आपत्तियां मांगने के बाद तीन दिन पहले ही जमीन का भू रूपान्तरण कर दिया गया।
राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार जीपिया (jipiya) न्यास पेराफेरी का हिस्सा है। यहां जमीन को परिधि नियंत्रण पट्टी के लिए भू उपयोग (land use) माना गया है। गांव की ५१ बीघा भूमि का आवंटन पूर्व में ग्राम पंचायत के जरिए शहर की एक बड़ी औद्योगिक इकाई को किया गया था। ग्रीनबेल्ट में आने पर समूह ने यह जमीन किसी अन्य को बेच दी। गत १४ जून को इसकी रजिस्ट्री हो गई। इस जमीन को ग्रीनबेल्ट के दायरे से निकालने के लिए भीलवाड़ा के कुछ व्यापारियों के समूह ने कृषि एग्रो पार्क (group) स्थापित करने की फाइल न्यास में चलवाई। सूत्रों के अनुसार ग्रीनबेल्ट के लिए संरक्षित होने के बावजूद न्यास ने तीन दिन पहले जमीन का भू उपयोग परिवर्तन कर दिया गया। सम्बन्धित फाइल आला अधिकारियों से लेकर जयपुर के पाले में रही।
केचअप प्लांट डलेगा
व्यापारियों के समूह का दावा है कि इस जमीन पर एग्रो फूड पार्क स्थापित किया जाएगा। टमाटर व आंवला समेत अन्य फलों व सब्जियों के केचअप (kech plant) प्लांट लगाए जाएंगे। औषधि पार्क के साथ ही कृषि उत्पादन केन्द्र बनेगा और प्रदेश के लिए कृषि विपणन का बड़ा बाजार विकसित होगा।
उद्योग या कृषि पार्क संभव नहीं
जानकारों के अनुसार ग्रीनबेल्ट होने से यहां उद्योग या एग्रो पार्क लगाया नहीं जा सकता। इसके भू-उपयोग परिवर्तन की लम्बी एवं जटिल प्रक्रिया है। यह राज्य सरकार के स्तर पर संभव है। एग्रो फूड पार्क के लिए भू उपयोग परिवर्तन के लिए भी आपत्ति मांगने की प्रक्रिया भी गुपचुप तरीके से की गई। इतना ही नहीं, जिला प्रशासन व न्यास के संबंधित अधिकारी भी चुप्पी साधे रहे। जमीन (land) की कीमत करोड़ों में बताई जा रही है।
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मेरे कार्यकाल में नहीं लगी फाइल
ग्रीनबेल्ट में भू उपयोग परिवर्तन स्थानीय स्तर पर संभव नहीं है। मेरे कार्यकाल में जीपिया क्षेत्र में भू उपयोग परिवर्तन को लेकर किसी प्रकार की फाइल (uit) नहीं चली। पूर्व में कोई फाइल प्रक्रियाधीन है तो उसकी जानकारी वो कराएंगे।
नितेन्द्र सिंह, सचिव, नगर विकास न्यास
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