मुनि सुधासागर के सानिध्य में पहलीबार दो किलोमीटर लम्बी पदयात्रा में उत्साह
भीलवाड़ाPublished: Feb 25, 2021 08:47:50 pm
श्रावक नाचते-गाते, जयकारों के बीच यात्रा सलावटिया पहुंचीआज मैनाल में आहार, रात्रि विश्राम लाडपुरा में
मुनि सुधासागर के सानिध्य में पहलीबार दो किलोमीटर लम्बी पदयात्रा में उत्साह
भीलवाड़ा।
दिगम्बर जैन मुनि सुधासागर ऐसे अनोखे तपस्वी है, जिनकी प्रेरणा जैन समाज में हजार किलोवॉट विद्युत से ज्यादा उत्साह व शक्ति का संचार कर देती है। यह नजारा उस समय देखने को मिला जब गुरुवार को बिजौलियां से अतिश्य तिर्थ क्षेत्र चंवलेश्वर पाश्र्वनाथ की करीब 80 किलोमीटर लम्बी पदयात्रा प्रारम्भ हुई। हाथी पर सवार सौधर्म इन्द्र के नेतृत्व में हजारों श्रावकों के साथ दो किलोमीटर से अधिक लम्बे जुलुस ने अब तक के सारे रिकार्ड तोड दिए। वर्ष 2018 में किशनगढ से नारेली पदयात्रा का जुलूस भी इसके सामने बोना लगने लगा।
आचार्य विद्यासागर महाराज की परम्परा में सभी दिगम्बर संत अनियत विहारी (बिना बताए विहार) करते है। लेकिन 1994 में राजस्थान प्रवेश के बाद यह मेवाड की धरा पर बने चंवलेश्वर तीर्थ की पावन वर्गनाओं का परिणाम है कि अब यह तीर्थ अन्तरराष्ट्रीय स्तर की ऊंचाईयों पर ले जाने के लिए योजना बनाकर इस तरह का विहार किया है। भीलवाडा जिले में पाश्र्वनाथ भगवान की ज्ञानकल्याण स्थली बिजौलियां से भगवान का विहार देव शास्त्र गुरु के साथ समोशरण स्थली चंवलेश्वर की ओर हो रहा है।
बिजौलियां से देशनोदय तीर्थ चंवलेश्वर तक ऐतिहासिक विहार की भव्यताता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है की दो किलोमीटर लम्बे क्षेत्र तक श्रावक नाचते-गाते चल रहे है। जुलुस में जयकारों के बीच महिलाएं बैंड बजा रही थी। बग्गियों में सवार इन्द्र-इन्द्रानी आर्शीवाद देते हुए चल रहे थे। डीजे पर चल रहे भजनों पर समाजजन झुमते हुए आगे बढ़ रहे थे। पूरे रास्ते मुनि सुधासागर के जयकारे लगाए जा रहे थे। मुनि ससंघ के विहार में मुख्य आकर्षण 7 हाथी जिन पर सोधर्म इन्द्र, कुबेर, चक्रवती, इशान इन्द्र, सनत कुमार इन्द्र, माहेन्द्र इन्द्र, महायनायक विराजित है। दर्जनों बग्गियां पर इन्द्र विराजमान है। ५०० केसरिया ध्वज हाथों में लिए महिलाएं व पांच घोड़ो पर युवा, मारूति वेन पर धर्मचक्र, मंगल कलश, अष्टमंगल द्रव्य, डीजे, झांकिया, इन्द्र-इन्द्रानियों के विमान अष्ट कुमारियों का विमान, गगन विहारी झांकी, छतरी नृत्य समुह, बैंड-बाजे, रथ, ३२ चंवर टीमे, गजरथ विहार की शोभा बढा रहे है।