विद्यासागर वाटिका में चातुर्मास कलश स्थापना
देव, शास्त्र, गुरु के उपदेश रुपी वैक्सीन से ही संसार रुपी कोरोना मिट सकता
विद्यासागर वाटिका में चातुर्मास कलश स्थापना
भीलवाड़ा।
चातुर्मास का उपयोग यह है कि सन्त समागम से संसार सागर को पार किया जा सकता है। सन्त समागम पाने वाला व्यक्ति साधु बने या नही, वह संतोषी अवश्य बन जाता है। देव, शास्त्र, गुरु के उपदेश रुपी वैक्सीन से ही संसार रुपी कोरोना मिट सकता है। नदी के तेज प्रवाह में पडा हुआ प्राणी बच नही पाता है, लेकिन किसी संयोग से उसके हाथ में नदी तट पर बने घाट की सिढी हाथ आ जाए तो वह उसके सहारे बाहर आ जाता है। संसार सागर से बाहर आने के लिए धर्म रुपी घाट को पकडना होगा। यह बात बालयति निर्यापक मुनि विद्यासागर महाराज ने रविवार को सकल दिगम्बर जैन समाज की ओर से विद्यासागर वाटिका में आयोजित चातुर्मास कलश स्थापना समारोह में कही। उन्होंने कहाकि चिता जलने से पहले अपनी चेतना को जगा लो, इस जीवन का सदुपयोग अपनी शक्ति अनुसार चरित्र और संयम को धारण करने में करो।
आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष नरेश गोधा ने बताया कि मुख्य चातुर्मास कलश नेमीचन्द, चन्दादेवी, अभिषेक, नमिता जैन ने मंत्रोचार के बीच स्थापित किया। पवन कोठारी, सनतकुमार अजमेरा, कैलाश चन्द जैन, खेमराज कोठारी, मनोरमा शाह ने पांच प्रमुख कलश एवं 11 श्रावकों ने अन्य कलश स्थापित किए। कार्यक्रम में भक्ति नृत्य के साथ बालिकाओं ने सुन्दर नाटिका का मंचन किया।
ट्रस्ट के सचिव अजय बाकलीवाल ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारम्भ आदिनाथ महिला मण्डल ने मंगलाचरण से किया। चित्र अनावरण, दीप प्रज्जवलन के बाद विद्यासागर महाराज की सामुहिक पूजन की गई। भोपाल से आए श्रावकों ने पाद पक्षालन किया। जबलपुर से आए श्रावकों ने शास्त्र भेंट किए। समारोह में जयपुर, किशनगढ, केकडी, अजमेर, नसीराबाद, टोडा रायसिंह आदि शहरों के श्रावक उपस्थित थे। भीलवाडा के 17 दिगम्बर जैन मंदिर के पदाधिकारियों ने महाराज को श्रीफल भेंट किए। इससे पूर्व सुबह नरेश गोधा के निवास से चातुर्मास के ध्वज की शोभायात्रा निकाली गई, जो कि राजीव गांधी चौराहे होती हुई आरके कॉलोनी स्थित जैन मंदिर पहुंची। जहां मुनि विद्यासागर महाराज के सान्निध्य में ध्वजारोहण किया गया। संचालन पण्डित अमित शास्त्री ने किया।
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