खाने-पीने का हर पांचवां नमूना गड़बड़
रिपोर्ट आने तक बिक चुका बाजार से
खाने-पीने का हर पांचवां नमूना गड़बड़
भीलवाड़ा।
जनवरी से पिछले माह रक्षाबंधन तक मिलावटी खाद्य सामग्री की जांच के लिए जिले भर से लिए हर पांचवें नमूना मानकों पर खरा नहीं उतरा। इस तरह भी कह सकते हैं कि करीब २० प्रतिशत नमूने अमानक पाए गए। दिलचस्प बात है कि रिपोर्ट आने तक यह खाद्य सामग्री बाजार से बिक चुकी थी।
मिली जानकारी के अनुसार, जनवरी से अगस्त तक लिए ७७ सैंपल की रिपोर्ट आई तो १६ नमूने अमानक मिले। इनमें २ अनसेफ, ११ मिसब्रांड तथा ३ सब स्टैण्डर्ड पाए गए। जो असुरक्षित मिले, उसमें बेसन व मैदा शामिल है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी देवेन्द्र राणावत ने बताया कि अनसेफ मिले बेसन का सैम्पल कोशीथल स्थित हरकलाल जगदीश कुमार के यहां से लिया जबकि मैदा का नमूना जय जोगणिया जलपान गृह से १७ जुलाई को लिया था। अन्य जांच में भी गुणवत्ता नहीं मिलने पर इन फर्म के विरूद्ध न्याय निर्णय अधिकारी एवं अतिरिक्त जिला कलक्टर में परिवाद प्रस्तुत किया गया। एक्ट के तहत धारा 51 व 52 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
आरसीएचओ डॉ. संजीव शर्मा ने बताया कि एफएसओ देवेन्द्र राणावत ने रक्षाबंधन को देखते 22 अगस्त तक जिले के विभिन्न स्थानों से दूध, मावा, पनीर व अन्य दुग्ध उत्पाद, आटा, बेसन, खाद्य तेल व घी की जांच की। सूखे मेवे, मसालों की जांच भी की गई। ११ अमानक व मिस ब्रांड निकले हैं। अमानक व मिस ब्रांड वाली खाद्य सामग्री बेचने वाली फर्मों के खिलाफ एडीएम कार्यालय में परिवाद पेश किया जाएगा। इनको नोटिस जारी कर सुनवाई की जाएगी। जुर्माना व अन्य कार्रवाई होगी।
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