कृषि विभाग के अनुसार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत जिले के १.४१ लाख किसानों ने ही दस फसलों का बीमा कराया है। यह बीमा १.४० लाख हैक्टेयर का करवाया गया है। इसमें ३७३ गैर ऋणी किसान भी शामिल हैं। अब बीमे के आधार पर खराबे का आकलन बीमा कम्पनी व कृषि विभाग की संयुक्त कमेटी के माध्यम से करवाया जा रहा है। इसे लेकर सोमवार को कृषि विभाग में बैठक भी होगी।
मांडलगढ़ पंचायत समिति के ग्राम पंचायत मुकंदपुरिया के पीता जी का खेड़ा निवासी भैरूलाल धाकड़ का कहना है कि १६ बीघा में फसल बुवाई पर लगभग 70 हजार रुपए का खर्चा हुआ। पूरी फसल खराब हो चुकी है। पांच रुपए भी मिलना मुश्किल है। मवेशियों के लिए चारा भी नहीं बचा है।
मांडलगढ़ के चांदमल नायक का कहना है कि छह बीघा में मक्का की फसल बोने पर २0 हजार रुपए खर्च किए थे। अतिवृष्टि से फसल बर्बाद हो चुकी है। सरकार कम से कम १५ हजार रुपए प्रति बीघा मुआवजा देना चाहिए। खेत में नमी इतनी है कि रबी की बुवाई नहीं हो पा रही है।
फसल बुवाई खराबा प्रतिशत
उड़द ४९१९७ ३५६२० ७५ प्रतिशत से अधिक
मूंग १६०४१ १२९०० ७५ प्रतिशत से अधिक
तिल १२८१३ ११८०० ७५ प्रतिशत से अधिक
मूंगफली १२२९६ ७५०० ५० प्रतिशत तक
सोयाबीन ४९७५ ३८११ ५० प्रतिशत तक
मक्का १६४४०२ १०५००० ३३ प्रतिशत से अधिक
ज्वार ३९३८७ २७२०० ३३ प्रतिशत से अधिक
बाजरा २५१७ १११५ ३३ प्रतिशत से अधिक
ग्वार १०४५९ ४३१५ ३३ प्रतिशत से अधिक
कपास ३६८६९ २१२२० ३३ प्रतिशत से अधिक
कुल ३४८९५६ २३०४८१
(बुवाई व खराबा हैक्टेयर में)