सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना में राज्य सरकार के आदेश के तहत जिलो में नगरीय विकास विभाग नगरीय आबादी का जोनल डवलपमेंट प्लान तैयार कर रहा है। इसी प्लान के आधार पर प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत गैर योजना क्षेत्र में पट्टे जारी होने है। इसी के तहत नगर विकास न्यास भीलवाड़ा शहर को पांच जोन में विभाजित कर जोनल डवलपमेंट प्लान बना रही है।
एमएनआईटी ने बनाए नक्शे शिविर शुरू होने से पूर्व न्यास ने तीन जोन के नक्शे न्यास ने अपने स्तर पर ही तैयार कर लिए थे, लेकिन आरएएस अधिकारी अजय आर्य ने न्यास सचिव का पद संभालने के बाद उक्त तीनों के नए नशे बनवाए। न्यास के सभी पांचों जोन के नक्शे पर न्यास मालवीय नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी जयपुर (एमएनआईटी) से बना रही है।
जोन ई पर 18 तक मांगी आपत्ति नगर विकास न्यास सचिव आर्य ने बताया कि जोन ई का नक्शा एमएनआईटी ने तैयार कर लिया है। नक्शे में चिंहित स्थलों,भूमि, सड़कों के डिमार्केशन को लेकर सार्वजनिक रूप से आपत्तियां 18 दिसम्बर तक मांगी गई। इसी प्रकार जोन बी के नक्शे पर9 दिसम्बर तक आपत्ति मांगी गई है। जोन ए,सी व डी सेक्टर के नक्शों पर पूर्व में ही सुझाव आ चुके है।
यह है जोन बी का क्षेत्र जोन ई में उत्तर दिशा में रेलवे लाइन से कोठारी नदी के सहारे होते हुए कोठारी नदी के सहारे-सहारे, राजस्व ग्राम सांगानेर की आबादी को सम्मिलित करते हुए पूर्व दिशा में राजस्व ग्राम सुवाणा की सीमा के सहारे-सहारे, भीलवाड़ा- कोटा रोड तक व दक्षिण दिशा, भीलवाड़ा-कोटा रोड के सहारे राजस्व ग्राम सुवाणा व नई ईरांस, सांगानेर तिराहा से सांगानेरी गेट होते हुए बडा मन्दिर होते हुए भीमगंज थाना, सूचना केन्द्र से रेलवे स्टेशन होते रेलवे लाइन तक व पश्चिमी दिशा में रेलवे लाइन के सहारे होते हुए
कोठारी नदी तक का हिस्सा शामिल है।
आ रहे आपत्तियां व सुझाव
एमएनआईटी के जारी नक्शों में विभिन्न संगठनों व नगर नियोजन से जुड़े अनुभवी लोग, रिटायर्ड अधिकारी व कर्मचारी खास रूचि ले रहे है। उनकी तरफ से आपत्तियां व सुझाव आ रहे है। नगर परिषद सभापति राकेश पाठक ने भी नक्शों में जमीन व सड़कों के चिंहिकरण पर भी असंतोष जताया और आपत्तियों के साथ सुझाव भी दिए है। इधर, कलक्टर एवं नगर विकास न्यास प्रशासक शिव प्रसाद नकाते व न्यास सचिव अजय कुमार आर्य ने रविवार देर रात तक यूआईटी में बैठ कर जोनल डवलप के नक्शों पर चर्चा की।