चेम्बर महासचिव आरके जैन ने बताया कि कोरोना काल के बाद निर्यात भाड़ा दो से ढाई गुणा बढ़ गया। शिपिंग कम्पनियों के पास कन्टेनरों की कमी है। भीलवाड़ा से 1200 करोड़ का सालाना सैण्डस्टोन निर्यात होता है, जो अब लगभग ठप है।
टेक्सटाइल सेक्टर में कच्चे माल की लागत में बढ़ोतरी एवं माल की उपलब्धता में कमी से अप्रेल से भीलवाडा से 6500 हजार करोड़ प्रतिवर्ष से अधिक के निर्यात में अप्रेल 2022 से 40 से 50 प्रतिशत की गिरावट आई है। 4500 करोड रुपए से अधिक के मेटल एवं मिनरल निर्यात पर भी विपरीत असर पड़ा है। आने वाले सीजन में एग्रो प्रोडक्ट्स का निर्यात होता है। भीलवाडा से 150 करोड़ रुपए से अधिक का सोयाबीन एवं अन्य मसालों का निर्यात प्रतिवर्ष किया जाता है। ऐसे में निर्यात भाड़े में जीएसटी की छूट को तत्काल प्रभाव से मार्च 2024 तक बढ़ाने का आग्रह किया है।