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भीलवाड़ा

असहाय व्यक्ति भगवान की शरण लेता है तो सारे कार्यों में सफलता प्राप्त होती

हरी शेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर में चल रहे पुरुषोत्तम कथा

भीलवाड़ाSep 25, 2020 / 09:48 pm

Suresh Jain

If a helpless person takes refuge in God, then all the work is success in bhilwara

If a helpless person takes refuge in God, then all the work is success in bhilwara

भीलवाड़ा
हरी शेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर में चल रहे पुरुषोत्तम कथा में योगेश्वरानंद ने बताया कि जिस प्रकार प्रत्येक क्षण, पल, दिन, महीने के अधिपति देव देवता होते हैं, परंतु यह अधिक मास प्रत्येक महीने में से तीन -तीन दिन बचकर 4 वर्ष में एकत्रित हुआ है। इसलिए इसका कोई अधिपति नहीं था। इसी कारण से मलमास भी कहा जाने लगा। परंतु भगवान विष्णु द्वारा इस मास को अपने संरक्षण में लेने के कारण यह मास पुरुषोत्तम मास के रूप विख्यात हुआ। इस मास में जो सनातन प्रेमी धार्मिक पारायण यथा दान-पुण्य, व्रत-उपवास, तीर्थ यात्रा और देव पूजन नहीं करता है उसे कष्ट भोगना पड़ता है, इसे पांडवों के वन में भटकने के दृष्टांत द्वारा समझाया। कथा प्रसंग के अनुसार असहाय व्यक्ति यदि भगवान की शरण लेता है तो उसके सारे कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
प्रात: कालीन सत्र में बस एक बार आ जाओ गोविंद की शरण में मधुर गीत भी व्यास पीठ से प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर महंत हंसराम उदासीन, अजमेर के महंत स्वरूप दास, पुष्कर के महंत हनुमान राम, किशनगढ़ के महंत श्याम दास, संत मयाराम, संत राजाराम, संत गोविंद राम सहित उपस्थित भक्तजनों ने भगवान लक्ष्मीनारायण के आकर्षक स्वरूप का दर्शन किया।
सायॅकालीन सत्र में श्रीमद् भागवत कथा के क्रम में अष्टम दिवसीय कथा प्रसंग का उल्लेख करते हुए कथा वक्ता ने जगत सृष्टि क्रम और नाना भगवत अवतारों का वर्णन किया। वराह अवतार की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि यह पृथ्वी पहले जल में विलीन हो चुकी थी जिसके अन्वेषण और उद्धार के लिए परमात्मा ने वराह रूप धारण किया। धरती और धर्म में दोनों प्राणियों का जीवन धारण करते हैं और इनका अवलंबन ना रहने पर प्राणियों का जीवन धारण करना कठिन हो जाता है। अत: प्राणियों के जीवन व्यवस्था के लिए परमात्मा अवतार लेकर इस धरती में आधार और शक्ति की स्थापना करके जीव मात्र का जीवन टिकाए रखते हैं। कथा विश्राम होकर आरती एवं प्रार्थना हुई जिसमें सभी संतों एवं भक्तों के साथ धोबी समाज के दुर्गा लाल एवं लक्ष्मीनारायण बागड़ी ने व्यासपीठ का पूजन अर्चन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

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