scriptराजस्थान की इस पंचायत में बहू ने अपने ससुर को कुर्सी पर बिठाया, कई जगह बनी घर की घर में सरकार | In this panchayat of Rajasthan, the daughter-in-law placed her father- | Patrika News
भीलवाड़ा

राजस्थान की इस पंचायत में बहू ने अपने ससुर को कुर्सी पर बिठाया, कई जगह बनी घर की घर में सरकार

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भीलवाड़ाFeb 07, 2020 / 08:52 pm

jasraj ojha


जसराज ओझा. भीलवाड़ा. सरपंच चुनावों में पारिवारिक राजनीति का रंग भी नजर आया। कहीं पति ने पत्नी को सरपंच की कुर्सी सौंपी तो कहीं पत्नी सरपंच थी तो अब पति को जनता ने सरपंच बना दिया। यही नहीं, कहीं सास-ससूर से बहू को भी सरपंच की कुर्सी मिली है। गांवों में इसी तरह की सियासत नजर आई है। कई ग्राम पंचायतें एेसी है जिसमें एक ही परिवार से सरपंच निर्वाचित हो रहा है। वहीं कुछ पंचायतें एेसी है जिसमें आरक्षण की सीट वही आने से दोबारा उसी को सरपंच बनने का मौका मिल गया है। जिले में अब तक नौ पंचायत समितियों में पंचायतीराज चुनाव हो चुके हैं। इसमें जो सरपंच जीते गए हैं इनमें कई रोचक मामले भी है। कई उम्रदराज सरपंचों को भी जनता ने गांव की सेवा का मौका दिया है।
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केस एक
करेड़ा पंचायत समिति की सेणुंदा ग्राम पंचायत में आसकरण गुर्जर सरपंच थे। इस बार सरपंच चुनाव में उन्होंने अपनी पत्नी को उतारा और वे जीत गई। एेसे में आसकरण ने अपनी पत्नी के हाथों में गांव की विकास की डोर थमा दी। आसकरण ने कहा, गांव में विकास की बदौलत एेसा हुआ है।
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केस दो
सहाड़ा पंचायत समिति की महेंद्रगढ़ ग्राम पंचायत में रामधन सोमानी सरपंच थे। इस बार चुनाव में पत्नी ललिता सोमानी को चुनाव लड़वाया और ग्रामीणों ने उन्हें सरपंच बनाया। सरपंच सोमानी ने गांव में सबसे बड़ी समस्या पेयजल संकट को दूर किया। गांव में स्वच्छता मिशन, सीसी सड़क, आदि क्षेत्र में अच्छा काम किया था। यही वजह है कि जनता ने उनकी पत्नी को सरपंच बनाया।
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केस तीन
जहाजपुर पंचायत समिति की धौड़ ग्राम पंचायत में छोटे भाई की पत्नी आरती मीणा सरपंच थी। इस चुनाव में जेठ शिवराज मीणा ने चुनाव लड़ा और जीत गए। एेसे में छोटे भाई की पत्नी ने ही चार्ज सौंपा। इसी तरह बावड़ी ग्राम पंचायत में पति मांगीलाल जैन सरपंच थे। इस चुनाव में उनकी पत्नी मैनादेवी जैन सरपंच बन गई। बिलेठा ग्राम पंचायत में पत्नी मीरादेवी ने अपने पति शैतानसिंह मीणा को सरपंच का चार्ज दिया।
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केस चार
कोटड़ी पंचायत समिति की छापड़ेल ग्राम पंचायत में वर्ष २०१५ में प्रमिलाकंवर निर्विरोध सरपंच बनी थी। इस बार पति महेश्वरसिंह को जनता ने जीताया है। कोठाज पंचायत में पहले रेखाकंवर सरपंच थी अब ससुर गोपालसिंह सरपंच बन गए हैं। गेगा का खेड़ा में चंदादेवी शर्मा सरपंच थी। अब पति शंकर शर्मा सरपंच बने हैं। कोटड़ी में पहले जमनालाल डीडवानिया सरपंच थे। अब उनकी पत्नी कांतादेवी डीडवानियां सरपंच बनी है। सांखड़ा में पहले भूरीदेवी थी। अब उनके पति गोपाल गुर्जर सरपंच बने हैं।

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