यह बात 2015 की आईएएस टॉपर व भीलवाड़ा उपखंड अधिकारी टीना डाबी को अच्छी नहीं लगी। इस पर उन्होंने एक नवाचार करते हुए रेस्टोरेट, होटल, शॉपिंग मॉल मालिकों के साथ ही आइसक्रीम पॉर्लर, ऑनलाइन ऑर्डर पर फूड डिलीवर करने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों से बात की। सभी ने सहमति जताई कि उनके यहां जो भी ग्राहक जाएंगे, उन्हें खाने-पीने की वस्तु के साथ वेटर वोट देने की अपील करेंगे। यही नहीं, ऑनलाइन फूड डिलीवर करने वाली कंपनियों के प्रतिनिधि जब घर सामग्री देने जाएंगे तो पैकेट पर मतदान जागरुकता के स्लोगन लिखे होंगे। होटल में वेटर यह कहेंगे कि टिप नहीं, वोट देना जरूरी है। होटल व रेस्टोरेंट के मीनू कार्ड में भी वोट देने की अपील की जाएगी।
नहीं समझी वोट की कीमत भले शहर में बड़े उद्यमी और पढ़े-लिखे लोग रहते हैं, लेकिन वोट की कीमत नहीं समझते हैं। हाल ही विधानसभा चुनाव में जिले में सबसे कम मतदान भीलवाड़ा शहर में हुआ। भीलवाड़ा में ६७ फीसदी मतदान हुआ है। इससे पहले 2013 के चुनाव में 71.93 फीसदी मतदान हुआ था। वर्ष 2008 में भी 63.06 फीसदी मतदान हुआ। इस बार भले निर्वाचन आयोग के स्वीप व अन्य कार्यक्रम चले,लेकिन शहर के मतदाताओं को नहीं जोड़ पाए।
रैली, चौपाल से नहीं रहा उत्साह उपखंड अधिकारी डाबी ने बताया कि मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए स्वीप के तहत कई गतिविधियां रहती हैं। रैली के साथ ही चौपाल व हस्ताक्षर अभियान चलाते हैं लेकिन मतदाताओं की रुचि नहीं रहती है। इस बार मतदाताओं को इस अभियान में शामिल करने के लिए खाद्य पदार्थों से जोड़ा है। इससे हर व्यक्ति जुड़ा हुआ है। पेट्रोल पंप पर भी पेट्रोल-डीजल भरवाने पर वोट देने की अपील की जाएगी।