आचार्य महाश्रमण को सौंपी शहर की चाबी
सर्व समाज ने किया अभिनंदन
आचार्य महाश्रमण को सौंपी शहर की चाबी
भीलवाड़ा।
शहर के सर्व समाज ने रविवार को आचार्य महाश्रमण का अभिनंदन किया। सभापति राकेश पाठक एवं अन्य प्रतिनिधियों ने शांतिदूत आचार्य को शहर की प्रतीकात्मक चाबी भेंट की। अभिनंदन पत्र अर्पित किया। आचार्य का प्रथम बार चातुर्मास पाकर वस्त्रनगरी के जन-जन के हृदय में श्रद्धा उमंग है। विभिन्न जैनेतर संस्था-संगठनों की ओर से आचार्य का स्वागत किया गया।
सभापति राकेश पाठक ने बताया कि आचार्य महाश्रमण को सौंपी चाबी आजादनगर के सत्यनारायण सुथार ने बनाई। करीब २ किलोग्राम वजनी व ढाई फिट लम्बी चाबी गिलिट धातु से बनाई है। इस पर चांदी व सोने का लेप चढ़ा है। आचार्य महाश्रमण ने कहा कि जीवन में सम्यक ज्ञान और सम्यक आचरण का बहुत महत्व है। ज्ञान और आचरण का संतुलन अगर जीवन-व्यवहार में हो तो व्यक्ति विकास की दिशा में आगे बढ़ सकते है। आज की शिक्षा पद्धति में विविध लौकिक ज्ञान दिया जा रहा है। साथ में अध्यात्म ज्ञान की शिक्षा भी उपलब्ध हो जाए तो ये जीवन और समृद्ध बन सकता है। ज्ञान सही होगा तो व्यक्ति कार्य भी अच्छा कर पाएगा। ज्ञानरूप आचरण जीवन में होना चाहिए। आचार्य ने कहा कि पंथ स्वीकारना एक बात है और उसके प्रति श्रद्धा रखकर उसकी अच्छी बातों को आचरण में लाना अलग बात है। अपेक्षा है कि आपसी सौहाद्र, अहिंसा की भावना सबके भीतर रहे। साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा ने कहा कि सौ सूरज और हजार चंद्रमा की रोशनी होने पर भी अगर गुरु रूपी ज्ञान का प्रकाश नहीं मिलता तो मनुष्य का जीवन घोर अंधकार के समान है।
विभिन्न समाजों के प्रतिनिधि रहे मौजूद
अपनी जन्मभूमि पर मुनि प्रतिक कुमार ने भावाभिव्यक्ति दी। सभापति पाठक, उपसभापति राम लाल योगी, मुकेश शर्मा, आचार्य महाश्रमण चातुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति अध्यक्ष प्रकाश सुतरिया, स्वागताध्यक्ष महेंद्र ओस्तवाल, उमराव संचेती, प्रकाश छाबड़ा, पराक्रम सिंह चौधरी, अनिल छाजेड़, बोहरा मुस्लिम समाज से सबीर बोहरा, अपेक्स जीतो उपाध्यक्ष महावीर चौधरी, एमडी आरएल नौलखा, ब्राम्हण महासभा अध्यक्ष गोपाल शर्मा, माहेश्वरी समाज से कैलाश कोठारी, मंजू पोखरना, मुस्लिम समाज से रियाज पठान, सिख समाज से गुरप्रीत सिंह, ईसाई समाज से गुडविन मसीह, शांतिलाल खमेसरा, प्रकाश पीपाड़ा, चतर सिंह मोटरास आदि ने विचार रखे। संचालन निर्मल गोखरू ने किया।
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