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भीलवाड़ा

ये देखो सरकारी हाल: करोड़ों की जमीन की हो रही बे-कदरी

नई सरकारी इमारतें, नया प्रशासनिक स्वरूप और बदला-बदला भीलवाड़ा शहर। एक दशक पूर्व सरकारी विभागों को एक ही क्षेत्र में एक ही छत तले लाने की ये योजना अब मृग तृष्णा साबित हो रही है। योजना के हाल ये है कि सरकार ने नगर विकास न्यास की पेराफेरी क्षेत्र के गांवों में विभागों को भवन निर्माण के लिए जमीन आवंटित कर दी, लेकिन वित्तीय व प्रशासनिक मंजूरी के प्रस्ताव ही जयपुर की फाइलों में सालों से अटके हुए है। भवन निर्माण तो हुआ नहीं आरएसी बटालियन की विदाई जरूर जिले से हो गई है।

भीलवाड़ाNov 19, 2019 / 12:15 pm

Narendra Kumar Verma

Look at this government situation: the crores of land are in disrepair

Look at this government situation: the crores of land are in disrepair

नरेन्द्र वर्मा

भीलवाड़ा। नई सरकारी इमारतें, नया प्रशासनिक स्वरूप और बदला-बदला भीलवाड़ा शहर। एक दशक पूर्व सरकारी विभागों को एक ही क्षेत्र में एक ही छत तले लाने की ये योजना अब मृग तृष्णा साबित हो रही है। योजना के हाल ये है कि सरकार ने नगर विकास न्यास की पेराफेरी क्षेत्र के गांवों में विभागों को भवन निर्माण के लिए जमीन आवंटित कर दी, लेकिन वित्तीय व प्रशासनिक मंजूरी के प्रस्ताव ही जयपुर की फाइलों में सालों से अटके हुए है। भवन निर्माण तो हुआ नहीं आरएसी बटालियन की विदाई जरूर जिले से हो गई है।
जिला कारागार को एक दशक में भी बजट नहीं मिला। मेमू रेल कोच कारखाना एवं बहुद्देश्यीय योजना सरकार व नेताओं के वजूद में अटकी हुई है। न्यायालय भवन व निजी बस स्टैंड का निर्माण कार्य कागजी घोडे़ दौड़ रहे है।
सरकारी विभागों को शहर से दूर नगर विकास न्यास के पेराफेरी गांव पालड़ी, सांगानेर व तेली खेड़ा क्षेत्र में ले जाने की कार्ययोजना पर जिला प्रशासन एक दशक से काम कर रहा है। सरकार ने भी जिला प्रशासन की कार्य योजना पर गंभीरता दिखाई और भू आंवटन में कोई कसर नहीं छोड़ी।
भीलवाड़ा तहसील एवं कलक्ट्रेट के राजस्व रिकार्ड बताते है कि सरकार ने जिले में आरएसी बटालियन, जिला कारागार, मेमू रेल कारखाना की स्थापना, जिला न्यायालय भवन, मिनी सचिवालय, बहुद्देश्यीय योजना, निजी बस स्टैंड व नए ट्रांसपोर्ट नगर की स्थापना के लिए मानों भीलवाड़ा मे भू बैंक का कोष ही खोल दिया हो। आवंटित जमीन पर निर्माण की योजनाआएं भी बनी हुई है। डीपीआर पर ही सम्बंधित विभाग लाखों रुपए खर्च कर चुका है।
बटालियन की जमीन पर जंगल
जिला प्रशासन ने आरएसी बटालियन की स्थापना के लिए २५ फरवरी २०१० को सांगानेर के निकट साकरिया खेड़ा में आराजी संख्या ९०५ में १०० बीघा भूमि आवंटित की। इसी प्रकार जिला प्रशासन ने जोधड़ास मेंं आरएसी कम्पनी के लिए १७ जनवरी को ३० जुलाई २००३ के आदेश की पालना में सात बीघा भूमि आवंटित की। यहां आरएसी ने भूमि अपने अधिकार में ले रखी है, लेकिन रखरखाव के अभाव में यहां भी जंगल पसरा है और आरएसी का साइन बोर्ड तक लोग उखाड़ कर ले गए। कम्पनी कमाण्डर प्रभुलाल कुमावत बताते है कि सरकार को निर्माण कार्य के प्रस्ताव भिजवा रखे है।
मेमू का शिलान्यास ही उखाड़ ले गए
केन्द्र की योजना पर राज्य सरकार ने मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (मेमू) कोच फैक्ट्री की स्थापना के लिए वर्ष २०१३ में जिले के रूपाहेली क्षेत्र में १२९२ बीघा भूमि आवंटित की। यहां वर्ष २२ सितम्बर १३ को तत्कालीन यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने इस कोच फैक्ट्री का शिलान्यास किया था। संभावना थी की यहां भवन निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जा कर फैक्ट्री स्थापित करने की तरफ सरकार सार्थक कदम बढ़ाएगी, लेकिन गत छह वर्ष में प्रस्तावित भूमि स्थल पर कुछ नहीं हो सका है। स्थिति ये है कि शिलान्यास पट्ट तक लोग उखाड़ कर ले गए है। यहां निर्माण पर २५० करोड़ रुपए की लागत प्रस्तावित थी। इस संदर्भ मेंं सांसद सुभाष बहेडि़या बताते है कि केन्द्र सरकार योजना की समीक्षा कर रही है।
जेल की जमीन से पत्थरगढ़ी ही गायब
उपनगर सांगानेर में सरकार ने जिला एवं सत्र न्यायालय समेत अन्य जिला न्यायालय भवनों को एक ही छत तले संचालित करने के लिए वर्ष २०१७ में उपनगर सांगानेर में बिलानाम ५० बीघा जमीन आवंटित की। लेकिन आवंटित भूमि पर निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका। इसी प्रकार जिला कारागार को शहर से दूर सांगानेर में नई जेल की स्थापना के लिए सरकार ने वर्ष २०११ में ४२ बीघा भूमि आवंटित की थी, लेकिन आवंटित जमीन अभी जंगल में तब्दील है। यहां की पत्थरगढ़ी भी लोग उखाड़ कर ले गए है। इस संदर्भ में जिला कारागार के उपअधीक्षक भैरू सिंह राठौड़ ने बताया कि बंदियों की बढ़ती संख्या के मद्दे नजर जेल सुविधाओं का विस्तार होना चाहिए।
बहुउद्दशीय परियोजना में राजनीति
छह वर्ष पूर्व कांग्रेस सरकार ने नगर विकास न्यास की बहुउद्दशीय परियोजना की मंजूरी दी थी। इसके लिए स्वायत्त शासन विभाग ने योजना क्षेत्र में २१११ हैक्टेयर क्षेत्र भूमि चिंहित की। योजना के तहत पालड़ी, सांगानेर, तेलीखेड़ा, गोविन्दपुरा व आकोला का पुरावत ग्राम पंचायत क्षेत्र के एक दर्जन गांवों की 8340 बीघा भूमि अधिग्रहित होनी है। लेकिन ये योजना अभी राजनीतिक दांवपेचों में उलझी हुई है। टीपी नगर व बस स्टैंड कागजों में विजयाराजे औद्योगिक नगर में विकास कार्य शुरू होने के बाद औद्योगिक नगर बसाने की योजना निरस्त होने से लाखों रुपए व्यर्थ में बह गए है। नया ट्रासंपोर्ट नगर के लिए न्यास ने चित्तौड़ रोड स्थित पुर बाइपास तथा नया निजी बस स्टैंड के लिए कोटा लिंक रोड पर जमीन आवंटित कर रखी है, लेकिन आवंटिज जमीन वीरान पड़ी है। इस संदर्भ में न्यास सचिव नितेन्द्र सिंह ने बताया कि बहुद्देश्यीय योजना पर न्यास प्रशासक एवं कलक्टर राजेन्द्र भट्ट के मार्ग निर्देशन में कार्य हो रहा है।

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