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भीलवाड़ा

कमल के एक हजार फूलों से भगवान शंकर का अभिषेक

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भीलवाड़ाSep 23, 2018 / 11:35 am

Suresh Jain

Lord Shiva's anointing with a thousand flowers of lotus in bhilwara

Lord Shiva’s anointing with a thousand flowers of lotus in bhilwara

कमल के एक हजार फूलों से भगवान शंकर का अभिषेक


भीलवाड़ा। त्र्यम्बकेश्वर स्वामी ने कहा कि सनातन संस्कृति में यज्ञ का बड़ा महत्व है। इस महत्व को दर्शाने के लिए करपात्री महाराज सदैव प्रयत्नशील रहे।
स्वामी शनिवार को हरिशेवा धाम में अखिल भारतीय धर्म संघ एवं स्वामी करपात्री फाउंडेशन व गणपति महायज्ञ आयोजन समिति की ओर से आयोजित सौ कुंडीय गणपति महायज्ञ की पूर्णाहुति के दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि बिना पूर्वजों की कृपा महायज्ञ में बैठना संभव नहीं है। हरिशेवा धाम के संत मायाराम ने बताया कि धर्म संघ संस्कृत महाविद्यालय पादर के प्रधानाचार्य डॉ. विदिशदत्त शर्मा, राजेन्द्र व्यास, आचार्य दिवेश, आचार्य विमलेश के संयोजन में 13 लाख गणपति मंत्र जाप पूरे हुए। कमल के एक हजार फूलों से भगवान शंकर की पूजा अर्चना कर अभिषेक किया गया। इस दौरान हरिशेवा धाम जयकारों से गूंज उठा। धाम में 24 सितम्बर दोपहर 3 बजे कथा के दौरान प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन होगा।
जैसा राजा वैसी प्रजा-संत सत्यानन्द
भीलवाड़ा. संत सत्यानंद ने कहा कि राज्य में जैसा राजा होता है, वैसी ही प्रजा होती है। प्राचीनकाल में राजा-महाराजा हर दुखी का भला करते थे, इसीलिए प्रजा सुखी व स्वस्थ रहती थी। उस समय लड़ाई झगड़े नहीं होते थे। संत रामधाम में ज्ञान गंगा महोत्सव की पूर्णाहुति पर कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज प्रशासक परोपकारी नहीं रहे। यही कारण है कि लड़ाई झगड़े बढ़ रहे हैं। हर नागरिक दु:खी है। मानसिक व शारीरिक रोग बढ़ रहे हैं। ट्रस्ट प्रवक्ता गोविंद सोडानी ने बताया कि रामधाम में पूर्णाहुति पर ट्रस्ट के सूर्यप्रकाश मानसिंहका, हेमन्त मानसिंहका, दामोदर अग्रवाल ने व्यास पूजन किया। संचालन भैरूलाल अजमेरा ने किया।

आचार्य भिक्षु का 216वां निर्वाण दिवस मनाया
भीलवाड़ा । प्रज्ञा भारती में शासन मुनि सुखलाल, मुनि मोहजीत कुमार के सान्निध्य में तेरापंथ संस्थापक व आचार्य भिक्षु का 216वां निर्वाण दिवस मनाया गया। मुनि सुखलाल ने भिक्षु स्वामी को स्वरचित गीतिका के माध्यम से श्रद्धा भाव अर्पित किए। उन्होंने भिक्षु स्वामी की गौरव गाथा का वर्णन किया।
मुनि मोहजीत कुमार ने कहा कि तेरापंथ का इतिहास आचार्य भिक्षु के संघर्षो और बलिदानों की कहानी से भरा पड़ा है। जीवन की कंटीली टेढ़ी-मेढ़ी पंगडंडियो पर चलकर भिक्षु ने संघ को सत्य का आलोक प्रदान किया। मुनि भव्य कुमार ने गीतका पेश की। बालमुनि जयेश कुमार ने भावों की श्रद्धांजलि अर्पित की। तेरापंथी सभा संस्था मंत्री अशोक सिंघवी ने पूरे समाज की और से भिक्षु स्वामी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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