भीलवाड़ा. संत सत्यानंद ने कहा कि राज्य में जैसा राजा होता है, वैसी ही प्रजा होती है। प्राचीनकाल में राजा-महाराजा हर दुखी का भला करते थे, इसीलिए प्रजा सुखी व स्वस्थ रहती थी। उस समय लड़ाई झगड़े नहीं होते थे। संत रामधाम में ज्ञान गंगा महोत्सव की पूर्णाहुति पर कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज प्रशासक परोपकारी नहीं रहे। यही कारण है कि लड़ाई झगड़े बढ़ रहे हैं। हर नागरिक दु:खी है। मानसिक व शारीरिक रोग बढ़ रहे हैं। ट्रस्ट प्रवक्ता गोविंद सोडानी ने बताया कि रामधाम में पूर्णाहुति पर ट्रस्ट के सूर्यप्रकाश मानसिंहका, हेमन्त मानसिंहका, दामोदर अग्रवाल ने व्यास पूजन किया। संचालन भैरूलाल अजमेरा ने किया।
आचार्य भिक्षु का 216वां निर्वाण दिवस मनाया
भीलवाड़ा । प्रज्ञा भारती में शासन मुनि सुखलाल, मुनि मोहजीत कुमार के सान्निध्य में तेरापंथ संस्थापक व आचार्य भिक्षु का 216वां निर्वाण दिवस मनाया गया। मुनि सुखलाल ने भिक्षु स्वामी को स्वरचित गीतिका के माध्यम से श्रद्धा भाव अर्पित किए। उन्होंने भिक्षु स्वामी की गौरव गाथा का वर्णन किया।
मुनि मोहजीत कुमार ने कहा कि तेरापंथ का इतिहास आचार्य भिक्षु के संघर्षो और बलिदानों की कहानी से भरा पड़ा है। जीवन की कंटीली टेढ़ी-मेढ़ी पंगडंडियो पर चलकर भिक्षु ने संघ को सत्य का आलोक प्रदान किया। मुनि भव्य कुमार ने गीतका पेश की। बालमुनि जयेश कुमार ने भावों की श्रद्धांजलि अर्पित की। तेरापंथी सभा संस्था मंत्री अशोक सिंघवी ने पूरे समाज की और से भिक्षु स्वामी को श्रद्धांजलि अर्पित की।