READ: मतदाताओं ने उड़ाई दोनों दलों के नेताओं की नींद, सूबे के मंत्रियों व पूर्व मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर पहली बार गिनेंगे वीवीपेट की पर्चियां भी जिले में पहली बार मतगणना में मेंडेटरी वेरिफिकेशन पद्धति अपनाई जाएगी। इसके तहत संपूर्ण मतगणना के बाद निर्वाचन क्षेत्र के किसी एक मतदान केन्द्र का रेण्डमली चयन कर उसकी वीवीपेट की पर्चियों की गणना की जाएगी तथ मिलान ईवीएम से प्राप्त मतों से करेंगे। रिटर्निंग अफसर, पर्यवेक्षक की निगरानी में अलग कक्ष में वीवीपेट से निकली पर्चियों की गणना कर ईवीएम से हुई मतगणना से मिलान किया जाएगा। गौरतलब है कि निर्वाचन आयोग गुजरात व हिमाचल चुनाव में यह पद्धति अपना चुका है। राजस्थान में किसी लोकसभा या विधानसभा चुनाव में यह पद्धति पहली बार अपनाई जा रही है।
READ: मतदान के बाद प्रत्याशियों ने उतारी थकान.. विवेक किचन में, हाड़ा भगवान की शरण में इन पर रहेगी रोक मतगणना स्थल पर मोबाइल, बीडी, सिगरेट, गुटखा, आग्नेय शस्त्र लाने पर पूर्ण प्रतिबंध होगा। ऐसा कोई भी व्यक्ति जो सांसद, विधायक, मंत्री, नगरपालिका/परिषद/निगम का सभापति या अध्यक्ष या मेयर, जिला प्रमुख, एवं पंचायत समिति प्रधान है, जिसे सुरक्षा कवच प्राप्त है उन्हें मतगणना अभिकर्ता के रूप में नियुक्त नहीं किया जा सकता है। केवल अभ्यर्थी के रूप में ही ऐसे व्यक्ति को मतगणना केन्द्र में आने की अनुमति है लेकिन उनके साथ सुरक्षाकर्मी केंद्र में नहीं आ सकेगा।
वेबसाइट पर मिलेगी जानकारी मतगणना के रुझान और परिणामों की नवीनतम जानकारी निर्वाचन विभाग की बेबसाइट पर उपलब्ध रहेगी। वेबसाइट पर प्रत्येक राउण्ड, प्रत्येक उम्मीदवार को मिले मत, विजयी व निकटतम प्रतिद्वंद्वी को मिले मत, हार जीत के अंतर सहित समस्त जानकारी की सूचनाओं को समाहित किया जाएगा।