कलक्टर राजेन्द्र भट्ट के१८ अप्रेल के आदेश के अनुसार निर्मला देवी आचार्य के नाम कोदिया में 14 जून 2004 को ईंट उद्योग के लिए दस बीघा बिलानाम जमीन का आवंटन हुआ था। आवंटन पांच साल के लिए था। आचार्य ने भूमि के लीज का नवीनीकरण करवाते इसकी वैधता 13 जून 2014 तक बढवा दी। इसके बाद लीज का नवीनीकरण नहीं कराया गया। इस बारे में शिकायत मिलने पर जांच के बाद राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मण्डल ने जिले में सभी ईंट उद्योगों की जांच कराई, जिसमें २७ उद्योग बिना स्वीकृ ति चलते पाए गए। इस पर बोर्ड ने जुलाई २०१६ को इन उद्योगों को बन्द करने के आदेश दिए थे। इसकी पालना के लिए तत्कालीन जिला कलक्टर को लिखा गया था।
लंबे समय से था बन्द
कलक्टर भट्ट ने गत दिनों इस उद्योग के बारे में उपखण्ड अधिकारी अशुलसिंह से रिपोर्ट मंगवाई थी। एसडीएम ने रिपोर्ट में बताया कि यह उद्योग लम्बे समय से बन्द है। उद्योग परिसर में झाडिय़ां उग आई है। इससे पास ही ककेस्कूल के छात्रों को जहरीले जीव जंतुओं के काटने का खतरा है।
कलक्टर ने उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार कोटडी एवं राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की रिपोर्ट को आधार मानते निर्मला देवी के नाम ईंट उद्योग के लिए आवंटन 10 बीघा भूमि को निरस्त कर जमीन को पुन: बिलानाम दर्ज करने के आदेश दिए है।
राजनीतिक द्वेषता से किया आवंटन निरस्त
पत्नी के नाम से ईंट भट्टे के लिए आवंटन लीज के नवीनीकरण के लिए जिला कलक्टर के यहां आवेदन कर रखा था। राजनीतिक द्वेषता के चलते दबाव में लीज आवंटन को निरस्त किया गया है।
श्रीकल्याण आचार्य, नेता प्रतिपक्ष पंचायत समिति कोटड़ी