State pollution control board मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी महावीर मेहता ने बताया, भीलवाड़ा शहर में आवासीय कॉलोनी आजादनगर तथा वाणिज्यिक स्तर कुम्भा सर्कल पर यंत्र लगाए गए हैं। २१ अक्टूबर दोनों जगह ध्वनि मापी गई। अब दीपावली (२७ अक्टूबर) पर पटाखों का शोर मापेंगे। मंडल के अनुसार, रिहायशी क्षेत्र में दिन में 55 और रात में 45 डेसिबल से अधिक शोर सेहत के लिए हानिकारक है। अस्पताल क्षेत्र में यह साउंड लेवल न्यूनतम ४० और अधिकतम ५० डेसिबल है।
पिछले साल यह
पिछले साल आवासीय जोन में अधिकत्तम ९८.८ प्रतिशत डेसिबल दर्ज किया गया, जो औसत से दो गुना था। विभाग ने कुम्भा सर्किल को व्यवसायिक जोन मानते जांच की, जहां रात ११ से १२ बजे तक अधिकतम १०७.२ प्रतिशत डेसिबल दर्ज किया गया। वर्ष २०१७ में १२२.५ डेसीबल था। हालंाकि दीपावली पर पटाखों से ध्वनि प्रदूषण में कमी आई है।