पुलिस उपाधीक्षक (सदर) रामचन्द्र चौधरी ने बताया कि ११ जून को दिलीप लाहोटी के दफ्तर में कुछ लोगों ने हमला किया। इसमें दिलीप, उसका पुत्र, भाई समेत पांच जने घायल हो गए थे। रिपोर्ट में हमलावरों पर साढ़े तीन लाख रुपए भी लूट ले जाने का आरोप लगाया। मामले में मालोला रोड गायत्रीनगर के अप्पू उर्फ सत्यनारायण प्रजापत तथा उसके साथी राकेश सेन, आरके कॉलोनी निवासी गणेश प्रजापत, गायत्रीनगर गोकुल विहार निवासी दीपक खटीक तथा कृषि मंडी के सामने रहने वाला नारूलाल बंजारा को गिरफ्तार किया। आरोपियों की तलाश में डीएसपी चौधरी के नेतृत्व में विशेष टीम बनाई थी। इसमें कोतवाली प्रभारी डीपी दाधीच शामिल थे। आरोपियों का कहना है कि उन्होंने हमला किया लेकिन नकदी नहीं लूटी। पुलिस नकदी के बारे में उनसे पूछताछ कर रही है।
चार भूखंड थे झगड़े की जड़
अप्पू ने बताया कि मालोला रोड पर उसके खेत के निकट चार भूखंड का एक चक है। यह जमीन नगर परिषद की थी। परिषद ने नीलामी में किसी ओर को बेच दिया। बाद में इसे दिलीप लाहोटी ने खरीद ली। अप्पू यह जमीन लाहोटी से खरीदना चाहता था ताकि खेत बड़ा किया जा सके। वह इस जमीन की लाहोटी को पूरी कीमत भी नहीं देना चाहता था। उसने लाहोटी को कई बार डराया भी।
पहले जमीन देने को तैयार, गहने-भूखंड बेचे, बाद में मनाही अप्पू ने कांग्रेस नेता के जरिए इस भूखंड को लेकर लाहोटी से बातचीत की। लाहोटी जमीन देने को तैयार हुआ। अप्पू को रकम एकत्र करने को कहा। अप्पू ने कुछ गहने व भूखंड बेचकर रकम जमा की लेकिन लाहोटी ने जमीन का सौदा किसी ओर से अधिक दाम में कर लिया, जो अप्पू को नागवार गुजरा। Property dealer was attacked to teach a lesson at bhilwara
खेत पर रची साजिश कोतवाली प्रभारी दाधीच ने बताया कि अप्पू ने लाहोटी को सबक सिखाने के लिए साथियों को बताया। साथी बिन लालच में अप्पू के साथ हो गए। 11 जून को अप्पू के खेत पर हमले की साजिश रची। एक कार में पांचों जने लाहोटी के दफ्तर पहुंचे। वहां ताबड़तोड़ हमला किया। उसके बाद कार को खेत पर खड़ी कर दूसरी गाड़ी से फरार हो गए।
बिजयनगर में गुजारी रात
हमले के बाद 11 जून को आरोपी बिजयनगर गए। रात में खेत पर रूके। हमले का वीडियो देखा। लाहोटी के ज्यादा चोट लगने की आशंका में डर गए। अगले दिन ब्यावर गए और फिर उदयपुर पहुंचे। वहां से एमपी जाना था। इधर, पुलिस को बिजयनगर और ब्यावर में होने का पता लग गया। पुलिस आरोपियों के पीेछे हो गई। आरोपियों के एमपी जाने का पता चला। भीलवाड़ा पुलिस ने चित्तौडग़ढ़ की मंगलवाड़ पुलिस से सम्पर्क साधा। मंगलवाड़ा पुलिस ने टोलनाके पर पांचों आरोपियों को पकड़ा व कोतवाली पुलिस को सौंपा।
पत्नी साथ थी इसलिए छोड़ा
पूछताछ में अप्पू ने बताया कि 11 जून से पहले भी लाहोटी पर हमले के लिए रैकी की। एक सप्ताह पूर्व लाहोटी के साथ उसकी पत्नी थी। एेसे में एनवक्त पर हमले को टाल दिया गया।