————— नहीं लगा सकते पहचान पत्र निर्वाचन विभाग के पहचान पत्र में पता अलग है, जबकि कुछ सालों पहले बने आधार कार्ड में अलग है। अब किसी फाइल या आवेदन में मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड लगाते हैं, तो समस्या आती है। इनका मिलान नहीं होने पर लोगों की परेशानी बढ़ जाती है।बड़ा सवाल: फिर क्या किया बीएलओ नेमतदाता पहचान पत्र में अधिकांश मतदाताओं की उम्र गलत है। कुछ समय पूर्व नए कार्ड बने, लेकिन उसमे भी यही हुआ। अधिकांश बीएलओ इस पर ध्यान नहीं देते हैं। कई मतदाता बाहर चले गए। इसके बावजूद उनका नाम चल है। कहीं पिता या पति का नाम गलत है, तो कहीं महिला को पुरुष व पुरुष को महिला दर्शा दिया गया है। इसके लिए सर्वे भी होता है। इसके बाद भी खानापूर्ति होती है।
कई जगह आती है समस्या – वीर सावरकर चौक के पास कभी मलेरिया ऑफिस था। यहां शिक्षा विभाग भी था। अब यहां इस नाम का कोई ऑफिस नहीं है। फिर भी मतदाताओं के कार्ड में यही लैंडमार्क हैं।
– चपरासी कॉलोनी के नाम से भी कई कार्ड बने हुए हैं। अब इसे गायत्रीनगर कहा जाता है। – मेवाड़ टेक्सटाइल मिल के पीछे या डालडा मिल के पास लैंडमार्क हैं, जबकि ये दोनों औद्योगिक इकाइयां बंद हो चुकी हैं।-कई कार्ड में किसी मकान मालिक के पास का पता लिखा है। कई लोग अब वहां नहीं रहते हैं लेकिन नाम चल रहा है।
—————- आगे क्या: निर्वाचन विभाग कर रहा सुधारनिर्वाचन विभाग की ओर से मतदाताओं का सत्यापन किया जा रहा है। इसके तहत मतदाता पहचान पत्र का आधार से लिंक किया जा रहा है। कहीं दो कार्ड बने होने पर एक निरस्त होगा। शुद्धीकरण के लिए फॉर्म नंबर आठ भरवाया जा रहा है। नाम, उम्र या पता संशोधन कराने के लिए कुछ दस्तावेज बीएलओ को देने होंगे। यह काम १५ अक्टूबर तक होगा। मतदाता खुद भी अपने मोबाइल में एप डाउनलोड कर यह संशोधन कर सकते हैं। उपखंड कार्यालय में मतदाता सहायता केंद्र पर भी यह कार्य हो सकता है। निर्वाचन विभाग की ओर से अब पुराने कार्ड की जगह नए कार्ड बनेंगे। इसमें पता संशोधित कराया जा सकता है।
———– जिले में १७ लाख ४३ हजार ३७० मतदाता हैं। इनका भौतिक सत्यापन चल रहा है। इसमें मतदाता सुधार करा सकते हैं। मतदाता कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करेंगे। इसमें नाम, पता व उम्र का भी संशोधन हो सकता है। कहीं नई कॉलोनी बस गई है, तो उसका नाम आ जाएगा। इसके लिए मतदाता को वहां के कुछ दस्तावेज देने होंगे। मतदाता स्वयं भी एप डाउनलोड कर सकते हैं या बीएलओ की मदद ले सकते हैं।राकेश कुमार, अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन)