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भीलवाड़ा

बाहर से आने वाले श्रमिकों को सैम्पल कराए- नकाते

औद्योगिक संगठनों ने रखी अपनी समस्या

भीलवाड़ाJul 09, 2020 / 10:33 pm

Suresh Jain

Sampled the workers coming from outside - Nakate in bhilwara

Sampled the workers coming from outside – Nakate in bhilwara

भीलवाड़ा .

अन्य राज्यों से आने वाले श्रमिकों को काम पर रखने से पहले उनका रैण्डम कोरोना जांच कराए ताकि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। इसके लिए बड़े औद्योगिक संगठन चाहे तो मोबाइल वेन की व्यवस्था करके श्रमिकों की जांच करवा सकते है। यह बात गुरुवार को जिला कलक्टर शिवप्रसाद एम नकाते ने जिला कलक्ट्रेट सभागार में औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठक में उद्यमियों से कहीं। नकाते ने इसके लिए जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबन्धकर विपुल जानी से उद्यमियों का सहयोग करने के निर्देश दिए। जांच रिपोर्ट आने तक श्रमिक को होम क्वारंटीन किया जाए। कलक्टर ने सीएसआर के तहत सेम्पलिंग वाहनों की सुविधा उपलब्ध करवाने में सहयोग करने की अपील औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधियों से की।
इस दौरान मेवाड़ चैम्बर ऑफ कामर्स के महासचिव व भीलवाड़ा ़टेक्सटाइल ट्रेड फेडकेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अतुल शर्मा ने कोरोना के कारण संकट में चल रहे उद्योगों की संमस्या भी कलक्टर के सामने रखी। शर्मा ने कलक्टर को बताया कि कोरोना संकट में फंसे उद्योगों को सरकार के माध्यम से राहत नहीं मिली तो हालात विकट हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन एवं लम्बे कफ्र्यू के बाद मुख्यमंत्री के अनुरूप भीलवाड़ा वस्त्र उद्योग ने अपना
उत्पादन 15 मई से 25 मई के बीच शुरू कर दिया था। लेकिन देश की अधिकांश वस्त्र मण्डियों में मांग नहीं होने से वस्त्र उद्योग अपनी क्षमता का 50 प्रतिशत उत्पादन भी नहीं कर पा रहा है। भुगतान नहीं आने के कारण उद्योगों में तरलता का संकट बना हुआ है। रिप्स २०१४ के तहत उद्योग में बड़ा निवेश हुआ है। सरकार से गत 1 वर्ष से
ब्याज अनुदान के रूप में मिलने वाली राशि का भुगतान नहीं मिलने के कारण आर्थिंक संकट खड़ा हो गया है। इस राशि का त्वरित भुगतान दिलाए ताकि राहत मिल सके। लॉकडाउन के दौरान बिजली के बिलों में स्थाई शुल्क माफ करने के लिए सरकार से आग्रह किया गया है। बिजली के बिलों में स्थाई शुल्क को माफ किया जावें। 20 मार्च से कफ्र्यू लगा जो लगभग 55 से 58 दिन तक रहा। इस अवधि में औद्योगिक विद्युत बिलों के भुगतान के विलम्ब पर मई माह में जारी बिल में ब्याज जोड़कर वसूली की, जो गणना के हिसाब से 36 प्रतिशत सालाना होता है। इससे उद्योगों पर आर्थिक भार पड़ रहा है। सरकार की गाईड लाईन बिजली के बिलों के भुगतान के बारे में स्पष्ट थी कि लॉकडाउन व कफ्र्यू के समय में बिजली के बिलों के भुगतान को स्थगित किया जा रहा है। इस प्रकार वसूले गए ब्याज को वापस दिलवाने की मांग रखी गई। बैठक में सीएमएचओ डॉ. मुस्ताक खान, एमजीएच अधीक्षक डॉ. अरुण गौड, रीको के वरिष्ठ उप महाप्रबंधक पीआर मीणा, उपश्रम आयुक्त संकेत मोदी, भीलवाडा टेक्सटाईल ट्रेड फेडरेशन अध्यक्ष दामोदर अग्रवाल, मेवाड चेम्बर ऑफ कामर्स अध्यक्ष जेके बागडोदिया, लघु उद्योग भारती के महेश हुरकट, सिन्थेटिक्स विविंग मिल्स एसोसिएशन अध्यक्ष संजय पेडीवाल, जिन्दल सॉ लाइजन हैड राजेन्द्र गौड आदि उपस्थित थे।

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