मेरा बच्चा ठीक हुआ, इसलिए ले गई साथ मौसी ने बताया कि गत दिनों उसके बच्चे को भी पेट दर्द था। उसे भोपे के पास लाम्बियाकलां ले गई। डाम लगाने से वह ठीक हो गया। इसके चलते सुंदर देवी अन्नू को भी रविवार को भोपे के पास ले गई। वहां गर्म तार से दागा। देर रात बालिका की हालत बिगड़ गई। उसे परिजन सुबह एमसीएच लेकर आए। बच्ची को सांस लेने में दिक्कत थी। उसे शिशु गहन चिकित्सा इकाई में रखा गया है। मेडिकल कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर इंदिरासिंह इलाज कर रही है। उधर, घटना का पता चलने पर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष सुमन त्रिवेदी अस्पताल पहुंची व बालिका की हालत जानी। पुलिस को कार्रवाई के आदेश दिए।
18 दिन में तीसरी घटना, दो साल में तीन बच्चों की मौत जिले में मासूमों को डाम लगाने की १८ दिन में तीसरी घटना है। बदनोर के रघुनाथगढ़ में ३० अगस्त को तेजू भील की आठ माह की बेटी ललिता को डाम लगा दिया। उसे एमसीएच में भर्ती कराया। ३ सितम्बर को महुआ खुर्द के शिवराम भील का चार साल का बेटे दीपक को रिश्तेदार रामेश्वर भील ने डाम लगाया था। जिले में दो साल में डाम से तीन बच्चों की मौत हो चुकी है। करीब बीस घटनाओं में बच्चों की हालत बिगड़ी।
बढ़ती घटनाएं चिंता की बात समिति अध्यक्ष त्रिवेदी ने बताया कि डाम लगाने की घटनाएं चिंताजनक है। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ कर्रवाई भी की। इस समय मौसमी बीमारियों का प्रकोप है। बच्चों को पेट दर्द, उल्टी और निमोनिया हो सकता है। बच्चों को भोपों के बजाय चिकित्सक के पास ले जाना चाहिए।