प्रकरण के अनुसार बापूनगर निवासी प्रेमकुमार सोनी ने अधिवक्ता महेन्द्र शर्मा के मार्फत परिवाद अदालत में दायर किया। परिवादी ने बताया कि उसने संतोष देवी को घरेलू कार्य के लिए डेढ़ लाख रुपए दिए थे। इसके बदले एक चेक दिया गया। निर्धारित समय पर चेक बैंक में लगाने पर खाते में राशि नहीं होने से अनादरित हो गया। तकाजा करने के बाद भी राशि नहीं दी गई।. विशिष्ट न्यायिक मजिस्टे्रट संख्या तीन (एनआई एक्ट मामलात) चेक अनादरण के मामले में बापूनगर निवासी संतोषदेवी सोनी को दोषी मानते हुए छह माह के कारावास की सजा सुनाई। एक लाख ८१ हजार प्रतिकर के आदेश भी दिए। परिवादी की ओर से अधिवक्ता महेन्द्र कुमार ने गवाह और दस्तावेज रखकर आरोप सिद्ध किया। अदालत ने चेक अनादरण का दोषी मानते हुए सजा सुनाई।