जानकारी के अनुसार मांडल कस्बे में सब्जी मंडी के निकट दो समुदायों के धार्मिक स्थल है। इनमें एक धार्मिक स्थल पर क्षेत्राधिकार को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में स्थानीय प्रशासन ने वर्ष १९७७ में धारा१४५ की कार्रवाई करते हुए यहां पुलिस को रिसीवर नियुक्त कर दिया था , इसके बाद से यह धार्मिक स्थल आमजन के लिए दर्शनार्थ बंद है।
सोशल मीडिया से उठा विवाद करीब ४४ वर्ष बाद तीन दिन पूर्व उस वक्त विवाद की स्थिति पुन: उभर गई, जब सोशल मीडिया पर उक्त धर्म स्थल को पुन: खोलने की मांग कुछ युवकों की तरफ से उठी और लोगों का आह्वान किया गया कि वह ३० जुलाई को मांडल चौराहा पर एकत्रित हो। मांडल पुलिस ने सांप्रदायिक सौहार्द बिगाडऩे के प्रयास की घटना मानते हुए गुरुवार को कुछेक के खिलाफ आईटी एक्ट में मामला दर्ज कर लिया। इसके बाद पुलिस ने प्रबृद्ध जनों की मदद से समझाइश भी की।
सुबह की कर दी सीमा सील पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा के आदेश पर यहां शुक्रवार को एहतिहातन पुलिस बल तैनात कर दिया गया। मांडल कस्बे से जुड़ी सीमाओं को सुबह सील कर दिया गया। मांडल समेत आसपास पुलिस थाने समेत जिले के कुल दस थाने का जाप्ता भी यहां मय प्रभारी तैनात कर दिया गया। जिला मुख्यालय एएसपी गजेन्द्र सिंह जोधा, सहाड़ा एएसपी चंचल मिश्रा व शाहपुरा एएसपी विमल सिंह नेहरा तथा वृत्त क्षेत्रों के पुलिस उपाधीक्षक भी यहां आ गए।
दो तरफा रास्तों से घुसने की कोशिश पुलिस के कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच दोपहर में कुछ युवकों के मोटरसाइकिल से कीरखेड़ा मार्ग तथा ब्यावर मार्ग की तरफ से आने की जानकारी आई। पुलिस अधिकारी मय जाप्ता दोनों स्थलों पर पहुुंचे और यहां करीब एक घंटे की समझाइश के बाद सभी वाहन सवारों को वहां से खदेड़ दिया गया। करीब आधे घंटे बाद यह सभी युवक विभिन्न रास्तों से कस्बे के तेजाजी चौक में एकत्रित हो गए और धर्म स्थल खोलने की मांग को लेकर नारेबाजी व विरोध प्रदर्शन करने लगी। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों व जाप्ते ने सभी के साथ समझाइश की और बताया कि कोर्ट के आदेश से धार्मिक स्थल पर पुलिस रिसीवर नियुक्त है और सभी को इसकी पालना की जानी चाहिए, लेकिन भीड़ धार्मिक स्थल को खोलने को लेकर अड़ी रही।
एसडीएम व तहसीलदारों ने की समझाइश भीड़ के नेतृत्व हीन होने पर मौके पर पहुंचे उपखंड अधिकारी पूजा सक्सेना, भीलवाड़ा एसडीएम ओम प्रभा, करेड़ा एसडीएम महिपाल सिंह व गंगापुर एसडीएम विकास पंचोली आदि ने भी समझाइश की। भीलवाड़ा, मांडल, शाहपुरा, बनेड़ा व जहाजपुर तहसीलदार भी मौके पर पहुंचे और समझाइश का प्रयास किया। इसी दौरान भीड़ में शामिल कुछ युवक समझाइश से शांत हो गए, लेकिन इसी भीड़ के एक पक्ष ने दूसरे समुदाय का धार्मिक स्थल को दर्शनार्थ बंद करवाने की बात पकड़ ली।
पुलिस जीप पर गिरे पत्थर
पुलिस व अधिकारी आपस में समझाइश कर ही रहे थे की इसी दौरान भीड़ में से किसी ने कुछेक पत्थर फैंक दिए। यह पत्थर पुलिस की जीप पर भी गिरे, इससे यहां अफरातफरी के बीच भगदड़ मच गई। पुलिस जाप्ते ने भीड़ को खदेडऩे के लिए बल प्रयोग किया। करीब पन्द्रह मिनट तक पुलिस प्रदर्शन कारी युवकों को खदेडऩे के लिए लाठी लहराते हुए उनके पीछे तक दौड़ी। इसके बाद पुलिस ने करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद तेजाजी चौक क्षेत्र को प्रदर्शनकारियों से मुक्त करा अपने घेर में ले लिया। पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा भी बाद में मौके पर पहुंचे। हालांकि पथराव व भगदड़ में किसी के चोटिल होने की जानकारी नहीं है।
नहीं बख्शेंगे आरोपियों को पुलिस अधीक्षक शर्मा ने पत्रिका को बताया कि मांडल कस्बे में स्थिति नियंत्रित है, एहतिहातन पुलिस बल तैनात है। माहौल बिगाडऩे का प्रयास करने वालों को नहीं बख्शा जाएगा। मांडल पुलिस समूचे मामले की जांच कर रही है। आरोपितों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।
आधे घंटे बंद रहा बाजार मेजा रोड स्थित तेजाजी चौक में पथराव व पुलिस के बल प्रयोग की खबर मांडल कस्बे में फैलते ही लोग सन्न रह गए। यहां दोपहर तीन बजे मुख्य बाजार बंद हो गए। वही मांडल चौराहा व बस स्टैंड स्थित दुकानों में लोग घुस गए। एसएसपी चंचल मिश्रा, एसडीएम पूजा सक्सेना व ओमप्रभा तथा तहसीलदार अजीत सिंह व पुलिस जाप्ता यहां पहुंचा और लोगों से समझाइश की। उन्हें कहा कि वह भय मुक्त रहें, कस्बे में सब कुछ सामान्य है, इसके बाद बंद बाजार खुल गए और मुख्य मार्गों पर भी रौनक लौट आई। कस्बे में एहतिहातन पुलिस बल तैनात है और गश्त जारी है।
शांति भंग में 78 जनें गिरफ्तार
थाना प्रभारी राजेन्द्र गोदरा की तरफ से घटना को लेकर शुक्रवार रात को 70 से अधिक लोगों के खिलाफ मांडल पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। गोदरा ने बताया कि शांति भंग करने के आरोप में 78 जनों को गिरफ्तार किया गया, वही 108 दुपहिया वाहन जप्त किए गए है।