पुलिस के अनुसार पुर की निर्मला जैन की साडि़यों की दुकान है। इसके लिए खरीदारी करने भीलवाड़ा आई। उसे सरकारी दरवाजे के निकट दो युवक मिले। एक ने किसी के बारे में पूछा, जिसे निर्मला नहीं जानती थी। उसके बाद निर्मला को बताया कि वह बीमार रहती है और परेशान है। ठोकर खा चुकी, लेकिन लक्ष्मी टिकती नहीं। यह बात सुनकर निर्मला झांसे में आ गई।
एक ठग ने कष्ट दूर करने के लिए दुकान से अगरबत्ती लाने को कहा। निर्मला दुकान से अगरबत्ती लाने गई। एक ठग साथ गया। अगरबत्ती लाने के बाद उसे कहा कि गहने खोल दे और इसे गंगाजल से धोये। निर्मला ने तीस ग्राम वजन के सोने की दो अंगूठियां, पैडिंल, चेन, कान के लटकन, छह हजार रुपए नकदी भरा पर्स और मोबाइल निकाल कर ठग को दिए।
ठग ने कहा कि वह 51 कदम चलकर लौट आए। वह 51 कदम चली और लौटी तो ठग गायब मिले। निर्मला रोने लगी तो लोग जमा हो गए। कोतवाली पुलिस भी पहुंची। महिला को साथ लेकर हुलिए के आधार पर ठगों की तलाश की, लेकिन पता नहीं चला। पुलिस सीसी टीवी फुटेज के आधार पर ठगों की पहचान के प्रयास कर रही है।