बारिश के पानी का टीडीएस 1600
प्रदूषण मंडल की जांच में खुलासा
TDS 1600 of rain water in bhilwara
भीलवाड़ा।
गुवारड़ी नाले में बारिश के पानी में गड़बड़ी है। तभी इसका टीडीएस १६०० से अधिक आ रहा है। यहां, बताते चले कि बरसात के पानी का टीडीएस १०० से ४०० तक रहता है। यह निष्कर्ष गुवारड़ी नाले की बुधवार की जांच से निकला है, जो राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने कराई थी। जांच में कहा गया कि साफ हो गया कि प्रोसेस हाउस संचालक गड़बड़ी कर रहे है लेकिन यह पता नहीं चला कि आखिर इसके जिम्मेदार कौन है। इधर, प्रदूषण मंडल की बुधवार को जांच से क्षेत्र के प्रोसेस हाउस संचालकों में खलबली है।
मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी राजीव पारीक ने बताया कि राजस्थान पत्रिका के बुधवार के अंक में फैक्ट्रियों से नहीं आया, तो क्या बादल बरसा रहे काला पानी शीर्षक से समाचार प्रकाशित होने के बाद जांच के लिए कनिष्ठ पर्यावरण अधिकारी रोहिताश कुमार व पर्यावरण वैज्ञानिक महेश कुमार को गुवारड़ी क्षेत्र भेजा। दोनों ने गुवारड़ी नाले में आ रहे पानी का नमूना लिया। एक प्रोसेस हाउस तथा अन्य उद्योग के पीछे भरे पानी का भी निरीक्षण किया। इस पानी का टीडीएस जांचा जो १६०० से अधिक निकला। हालांकि यह खतरनाक या दूषित नहीं था। पारीक का कहना है कि बरसात के समय हर प्रोसेस हाउस की जांच की जा रही है। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
उधर उद्यमियों का कहना है कि सिक्सलेन निर्माण के चलते सड़क के दोनों तरफ से नाले हटा दिए। इससे सड़क पर बहने वाला बरसाती पानी भी उद्योगों के पीछे तथा खेतों में जमा हो रहा है। इस पानी के जमा होने से वर्षों से भरा स्लज उस पानी में मिलने से रंग हल्का लाल रंग दिख रहा है। उनका दावा है, हर प्रोसेस हाउस संचालक ईटीपी, प्रथम, द्वितीय, तृतीय तथा चतुर्थ आरओ के बाद एमईई का संचालन तक कर रहे हंै।
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