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भीलवाड़ा

शिक्षक जैन फीस भरते हैं ताकि कोई विद्यार्थी स्कूल न छोड़े

भीलवाड़ा जिले के पण्डेर (pander) पंचायत में किसी भी छात्र- छात्रा को फीस नहीं भर पाने के कारण पढाई (study) छोडऩी नहीं पड़ जाए इसी लक्ष्य से प्राध्यापक बालकृष्ण जैन ने ऐसे बच्चों को सहारा (help) देने के लिए हाथ बढ़ाया। देखते ही देखते उनके सहयोग से आगे बढ़े विद्यार्थी आज जीवन (life) में बुलन्दियों को छू रहे हैं। पण्डेर कस्बे में स्थित राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्राध्यापक बालकिशन जैन इन विद्यार्थियों व अन्यों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।

भीलवाड़ाJul 20, 2019 / 03:11 pm

Durgeshwari

Teacher Jain fill fees so that no students leave school in bhilwara

Teacher Jain fill fees so that no students leave school in bhilwara

पण्डेर. कस्बे में स्थित आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय (school) के हिन्दी (hindi) विषय के प्राध्यापक बालकिशन जैन आर्थिक रूप से कमजोर व बिन माता-पिता के छात्र- छात्राओं (school student) की राजकीय विद्यालय की फीस ( school fees) जमा करवाते हैं। उनके सहयोग से पण्डेर पंचायत के कई विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर उज्जवल भविष्य बनाने में जुटे हुए हैं। वहीं, अब तक कई विद्यार्थी देश भर में राजकीय व निजी संस्थानों मेें सेवारत भी है। जैन ने शुक्रवार को राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक बालिका विद्यालय पण्डेर की 14 छात्राओं की फीस दी।
बच्चों की मदद करने का संकल्प ले चुके प्राध्यापक बालकिशन जैन ने बताया कि आर्थिक संकट से बहुत से विद्यार्थी अपनी पढ़ाई छोडऩे को मजबूर हो जाते हैं। वर्ष 2006 जुलाई में एक महिला अपने बच्चों की फीस ( school fees) कम कराने के लिए प्रधानाचार्य के सामने गिड़गिड़ाई तो देखा नहीं गया। उस महिला के तीनों बच्चों की फीस ( school fees) स्वयं जमा कराई। तब से यह कार्य प्रतिवर्ष स्वयं के स्तर पर ही कर रहे है।
प्राध्यापक जैन ने बताया कि राजस्थान के राजकीय विद्यालयों में कक्षा 8 तक फीस व पोषाहार की नि:शुल्क (free) व्यवस्था सरकार करती है, लेकिन इसके आगे 9 से 12 कक्षा तक की फीस कई बार विशेष रूप से छात्राओं के लिए दे पाना मुश्किल ही नहीं बल्कि असम्भव भी होता है। वर्ष 2006 से प्रतिवर्ष सरकारी विद्यालय में पढऩे वाले ऐसे बालक -बालिकाओं की फीस ( school fees) जमा करवाते हैं जिनके पिताजी नहीं है ताकि पैसों के अभाव में आगे की पढ़ाई बंद नहीं करें तथा रुचि पूर्वक पढ़ाई जारी रख सके।
प्राध्यापक जैन वर्ष में जर्सी, मौजे, यूनिफॉर्म भी विद्यार्थियों को देते हैं। जैन के विद्यार्थी आज सेना साहित विभिन्न राजयों में राजकीय सेवा ( govt. service) में भी कार्यरत है।

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