READ: घाणी में कटा पंजा, दूसरे हाथ से लिखना सीख पूरी की स्नातक विशिष्ट न्यायालय (यौन अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) ने बालिका के साथ कुकर्म करने के मामले में मूलत: उत्तरप्रदेश हाल संतोकपुरा निवासी सत्यनारायण उर्फ जीतू बरगुंडा को दोषी मानते गुरुवार को दस साल की सजा सुनाई। वहीं दो हजार रुपए जुर्माने के आदेश दिए। प्रकरण के अनुसार 7 जनवरी 2016 को एक महिला ने पॉक्सो अधिनियम में माण्डल थाने में मामला दर्ज कराया।
READ: मातृ एवं शिशु अस्पताल में टॉयलेट को बनाया किचन व स्टोर, प्रसूताओं को शौच के लिए जाना पड़ रहा वार्ड से बाहर आरोप लगाया कि उसकी मंदबुद्धि नाबालिग पुत्री खेत के पास बाड़े के बाहर खेल रही थी। काफी देर उसकी आवाज नहीं आई तो परिजनों ने बाहर आकर देखा। पुत्री नदारद थी। उसे तलाशा तो बाड़े से कुछ दूर नाले में अभियुक्त सत्यनारायण बालिका से कुकर्म कर रहा था। मां को देख बालिका चिल्लाई। इस पर सत्यनारायण वहां से भागने लगा। ग्रामीणों ने पीछा कर उसे पकड़ लिया। उसकी धुनाई कर पुलिस के सुपुर्द किया। इस पर पॉक्सो अधिनियम में मामला दर्ज कर पुलिस ने गिरफ्तार कर अदालत में चालान पेश किया। अपर लोक अभियोजक महेशचन्द्र विश्नोई ने अभियुक्त के खिलाफ 9 गवाह व 13 दस्तावेज पेश कर आरोप सिद्ध किया। अदालत ने अभियुक्त को दस साल की सजा सुनाई।
किशोरी से दुष्कर्म के पांच साल से फरार वारंटी को दबोचा गुलाबपुरा थाना पुलिस ने किशोरी से दुष्कर्म के मामले में पांच साल से फरार चल रहे वारंटी को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। हैड कांस्टेबल ओमप्रकाश चौधरी ने बताया कि कंवलियास निवासी महावीर नायक को सुभाषनगर से गिरफ्तार किया। वर्ष-2013 में किशोरी से दुष्कर्म के मामले में पॉक्सो अधिनियम में गुलाबपुरा थाना पुलिस ने महावीर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जमानत होने के बाद आरोपित अदालत में पेश ही नहीं हुआ। उसके खिलाफ स्थाई वारंट निकाला हुआ था।