scriptराजस्‍थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संदीप मेहता का सवाल: ‘गोद में लेकर बालिका के फेरे करवा दिए, लेकिन पुलिस अधिकारी कहां थे’ | The juvenile justice system seminar in bhilwara | Patrika News
भीलवाड़ा

राजस्‍थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संदीप मेहता का सवाल: ‘गोद में लेकर बालिका के फेरे करवा दिए, लेकिन पुलिस अधिकारी कहां थे’

किशोर न्याय प्रणाली को लेकर सेमिनार

भीलवाड़ाMay 20, 2019 / 02:34 am

mahesh ojha

The juvenile justice system seminar in bhilwara

The juvenile justice system seminar in bhilwara

भीलवाड़ा।

राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संदीप मेहता ने कहा, भीलवाड़ा जिले के बनेड़ा में दो परिवारों में हुए छह नाबालिग जोड़ों के बाल विवाह के बारे में अखबार में पढ़कर मुझे शॉक लगा। एक जोड़े की मासूम बालिका वधू को, तो नींद में होने से गोद में लेकर बाल विवाह करवाया। बालिका को यह भी मालूम नहीं था कि सोना कब है और जागना कब। एेसे में यह बाल विवाह हुआ, तो पुलिस अधिकारी कहां थे।
न्यायाधीश मेहता रविवार को आटूण रोड स्थित विट्टी इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित किशोर न्याय प्रणाली विषयक जिला स्तरीय कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आयोजित सेमिनार में न्यायाधीश ने कहा कि अखबार में बाल विवाह के दौरान मासूम बच्ची को गोद में लेकर फेरे दिलाते फोटो देखे। राजस्थान विधिक सेवा समिति जोधपुर ने मामले को गम्भीर माना और तत्काल प्रसंज्ञान लेकर कार्रवाई के निर्देश दिए। न्यायाधीश मेहता ने कहा, अक्षय तृतीया के दिन ही बाल विवाह के लिए तय हैं, यह जरूरी नहीं है। उसी दिन ही पुलिस व प्रशासन सावचेत होता है। बाकी दिनों का पता नहीं है। इसी का परिजनों ने फायदा उठाया। उन्होंने सेमिनार में मौजूद पुलिस अधिकारियों से सवाल किया, ‘गोद में लेकर बालिका के फेरे करवा दिए, लेकिन पुलिस अधिकारी कहां थे।Ó सेमिनार में भीलवाड़ा समेत चित्तौडग़ढ़ व राजसमंद जिले न्यायिक अधिकारी, पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही बाल कल्याण समिति व यूनिसेफ के पदाधिकारी मौजूद थे।
पत्रिका उने उजागर किया था मामला

उल्लेखनीय है कि बनेड़ा उपखंड के खारी खेड़ा व खेड़लिया गांव में १३ मई की रात दो परिवारों में छह नाबालिग जोड़ों के बाल विवाह हुए थे। पुलिस व प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी। राजस्थान पत्रिका ने ‘नींद में लिख दिया लाडो की जिंदगी का काला अध्याय’ समाचार प्रकाशित कर इस मामले को उजागर किया। इसके बाद हरकत में आए पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने परिजनों के खिलाफ मामला दर्ज किया। इस मामले की जांच जारी है।

Home / Bhilwara / राजस्‍थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संदीप मेहता का सवाल: ‘गोद में लेकर बालिका के फेरे करवा दिए, लेकिन पुलिस अधिकारी कहां थे’

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो