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भीलवाड़ा

देखते ही देखते टूट पड़ा खदानों पर जमा मलवे का पहाड़

बदनोर के खदानों में भूस्खलनशीतला का चौड़ा खनन क्षेत्र में करते है आठ मजदूर कामखदान ढहने के दौरान कोई भी नहीं था श्रमिक

भीलवाड़ाJul 29, 2021 / 08:45 am

Suresh Jain

देखते ही देखते टूट पड़ा खदानों पर जमा मलवे का पहाड़

देखते ही देखते टूट पड़ा खदानों पर जमा मलवे का पहाड़

भीलवाड़ा।
जिले के बदनोर क्षेत्र में बुधवार को भारी भूस्खलन हुआ। इस भूस्खलन में एक पहाड़ का बहुत बड़ा भाग भर-भराकर टूट पड़ा। शीतला का चौड़ा स्लेट स्टोन खनन क्षेत्र में हुए इस भूस्खलन के चलते एक खान में लाखों टन मलवा गिर गया। एक साथ गिरे इस मलबे में खान में रखी लाखों रुपए की मशीनें दब गईं। हालांकि गनीमत यह रही की रोजाना की तरह खान में काम करने वाले 8 मजदूर खान तक नहीं पहुंचे थे। और इसके चलते बड़ा हादसा होने से बच गया। हालांकि वहां मौजूद अन्य खान में काम करने वाले मजदूरों ने इस गिरते मलबे का वीडियो बना लिया। अब यही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
बदनोर उपखंड के शीतला का चौड़ा खनन क्षेत्र में बड़ी संख्या में स्लेट स्टोन का खनन कार्य होता है। क्षेत्र के लोगों ने बताया कि बदनोर के पूर्व सरपंच गोपाल सिंह और बाबू सिंह रावत की खानों के बीच भूस्खलन से लाखों टन मलबा खान में गिर गया। इससे खान में मौजूद वायर शॉ मशीन और अन्य मशीनें मलबे में दब गईं। इस खान में 8 मजदूर काम करते हैं। लेकिन हादसे के समय कोई भी मौके पर नहीं था। इससे हादसे से पूर्व वह खान तक नहीं पहुंचे जिससे उनकी जान बच गई।
यहां के पत्थर की मांग विदेशों तक
शीतला का चौड़ा खनन क्षेत्र से निकलने वाला स्लेट स्टोन की मांग विदेशों तक है। क्योंकि माइका (अभ्रक) के कण होने से सूर्य की किरण या यलो लाइट की रोशनी से यह अभ्रक के कण चमकते हैं। इसे भवन निर्माण में फ्रंट एलिवेशन में काम लिया जाता है। बदनोर के शीतला का चौड़ा खनन क्षेत्र में खदान मालिकों की लापरवाही से इस तरह की घटनाएं बरसात के दिनों में होना आम बात है। लेकिन इस बार मजदूरों की सजगता से वीडियो बनने से यह मामला सामने आया है।
७२ क्वारी लाईसेंस
बदनोर क्षेत्र में शीतला का चौड़ा नाम के खनन क्षेत्र में कुल २ क्वारी लाइसेंस जारी कर रखे है। इनकी साईज मात्र १० बाई १० मीटर होने से यह सभी खाने १५० से २०० मीटर तक गहराई तक चली गई है। इसके कारण इस क्षेत्र में आए दिन इस तरह के हादसे होते रहते है। गत सालों में भी ***** तरह के हादसे में एक श्रमिक की मौत होने की जानकारी मिली है।
विदेशों में जाता यहा का पत्थर
इन छोटी खदानों से निकलने वाले प्लाई सिस्ट नामक पत्थर की मांग विदेशों तक है। यहां से निकलने वाले ८० प्रतिशत पत्थर का निर्यात किया जा रहा है। इन खदानों में करीब ५०० से अधिक मजदूर जुड़े हुए है।
वीडियों से ही मिली जानकारी
बदनोर के शीतला का चौड़ा खदान में भूस्खलन की जानकारी वीडियों के माध्यम से हुई है। इसका मौका गुरुवार को देखने पर ही चलेगा कि किन कारणों से यह घटना घटी है। फोरमेन को मौके पर भेजा जाएगा।
नवीन अजमेरा, सहायक खनिज अभियन्ता भीलवाड़ा

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