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भीलवाड़ा

कोरोना काल में देहदान की भी आई कमी

भीलवाड़ा में देहदान के अब तक चार मामले

भीलवाड़ाNov 23, 2020 / 09:32 pm

Suresh Jain

There was also a lack of body donation during the Corona period in bhilwara

There was also a lack of body donation during the Corona period in bhilwara

भीलवाड़ा
देहदान करने से बड़ा कोई दूसरा महान कार्य नहीं है, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना के चलते देह का दान करना अब सपना बनकर रह गया है। भारत सरकार की ओर से जारी नई गाइड लाइन के तहत अब उन्हीं लोगों की देहदान में ली जाएगी, जिसमें मृत्यु के 15 दिन पहले कोरोना से संबंधित कोई भी लक्षण न रहे हों। इतना ही नहीं ऐसे शव के थ्रोट स्वाव की जांच रिपोर्ट भी कोरोना निगेटिव होना चाहिए। यानी नई गाइडलाइन ने देहदान करने पर लगभग प्रतिबंध लगा दिया है।
मेडिकल कॉलेज के डाक्टरों का कहना है कि देह दान लेने से पहले जरूरी होता है कि उस शव में किसी प्रकार की चोट नहीं हो। शव कोई बीमारी से ग्रसित नहीं हो। सर्दी के मौसम में देह का दान करने को तैयार व्यक्ति की सामान्य मौत होने पर भी कोई डॉक्टर कैसे मेडिकल सर्टिफिकेट ऑफ काज ऑफ डेथ देगा कि मरने वाला व्यक्ति 15 दिन पहले सर्दी, खांसी, बुखार से पीडि़त नहीं था। इस दशा में किसी परिवार या व्यक्ति की इच्छा होने के बाद भी देह का दान नहीं लिया जा सकता।
मानव देह का यह उपयोग
मेडिकल के शरीर रचना विभाग में मृत देह को कैमिकल प्रोसेसिंग करके सुरक्षित किया जाता है। बाद में मानव देह प्रशिक्षु डॉक्टरों के अध्ययन व रिसर्च के उपयोग में आती है। डॉक्टरों की मानें तो देह का दान लेने पर प्रतिबंध का कारण देश में कोरोना फैलने से रोकना है। लोगों की मौत दो या अधिक स्थितियों के संयुक्त प्रभाव से होती है। यदि किसी मृत देह में किसी प्रकार की बीमारी के लक्षण रहे और उसे सुरक्षित करके प्रशिक्षु डॉक्टरों के अध्ययन व रिसर्च के उपयोग में लिया गया, तो भविष्य में वह किसी तीसरी स्थिति का कारण होगी।
बदला गया सिस्टम
मेडिकल कॉलेजों में किसी भी मृतक देह की कोरोना जांच की जाती है, जांच के बाद यदि देह की रिपोर्ट कोविड नेगेटिव आती है तो ही देह ली जा रही है। पहले मृतक की देह बिना सामान्य जानकारी लेने के बाद ली जाती थी। मृतक देह को प्लास्टिक में कवर करके लाना आवश्यक कर दिया है।
अब तक चार देह दान
मेडिकल कॉलेज के अनुसार भीलवाड़ा में पिछले दो साल में कुल चार देह दान हुए है। इस साल जनवरी २०२० के बाद एक भी देहदान नहीं हो सका है। इसके पिछे मुख्य कारण कोरोना संक्रमित माना जा रहा है। वर्ष 2018 से अब तक 4 देहदान हुए हैं। इसमें दो महिला और दो पुरुष शामिल है।
डॉ. सलभ शर्मा, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज भीलवाड़ा

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