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भीलवाड़ा

एक छत तले आए दो पंथ, दो मुनियो की मौजूदगी में मांगी एक दूसरे से क्षमा

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भीलवाड़ाSep 16, 2018 / 07:03 pm

Suresh Jain

Two cults come a roof, ask for forgiveness from each other in bhilwara

Two cults come a roof, ask for forgiveness from each other in bhilwara


तेरापंथी-स्थानकवासी श्रावकों का आध्यात्मिक मिलन
भीलवाड़ा ।
शहर में जैन श्वेताम्बर समाज में पहली बार दो पंथों के मुनियों और श्रावकों ने एक छत के नीचे आकर एक दूसरे से क्षमा याचना की। आपसी प्रेम और मैत्री भाव के इस मिलन से दोनों पंथों के श्रावकों की खुशी व उत्साह देखने लायक था। मौका था रविवार को शांतिभवन में तेरापंथ एवं स्थानकवासी संघ के आध्यात्मिक मिलन का। तेरापंथ की अगुवाई शासनमुनि सुखलाल तो स्थानकवासी संघ की सौभाग्य मुनि ने की। श्रावकों ने एक दूसरे से हाथ जोड़कर क्षमा याचना की।

मैत्री का संदेश सुनाने यहां आए मुनि सुखलाल ने कहा, स्थान चाहे कोई भी हो लक्ष्य सामूहिक क्षमायाचना है। आपसी सौहार्द और मित्रता के चलते ही आज दोनों समाज निकट है। हम क्षमा मूर्ति भगवान महावीर के आज्ञा पालक है। जैन धर्म दुनिया में सर्वोत्तम, आत्म कल्याणकारी और वैज्ञानिक है। इस मंच से जैन धर्म का संदेश व आवाज हर व्यक्ति के हृदय तक पहुंचे।

श्रमणसंघीय महामंत्री सौभाग्य मुनि ने कहा कि प्रेम-आत्मीयता का तालमेल होते ही खुशी के फूल खिल उठते हैं। हमें सोचन चाहिए कि आखिर क्षमा पर्व की जरूरत ही क्यों पड़ी? जबकि हम क्षमा मूर्ति भगवान महावीर के अनुयायी हैं। महावीर मौन, शांत और समभाव के प्रतीक थे। उनसे प्रेरणा लें। क्षमा से आंतरिक खुशी मिलती है। खुशी का मूलमंत्र है खमत खामणा।

आचार्य महाश्रमण की पहल पर एक दिन संवत्सरी
आचार्य महाश्रमण ने जैन एकता के लिहाज से यह कदम उठाया कि 2019 का संवत्सरी पर्व एक ही दिन मनाया जाएगा। इसी दृष्टि से आज कार्यक्रम हुआ। दोनो पंथ इस पहल से नया बदलाव लाए। दो संत व समुदायों के भीतर बहती संस्कृति का मिलाप हुआ।

तुलसी जन्मोत्सव अणुव्रत दिवस के रूप में मनाएंगे
मुनि मोहजीत कुमार दोनों संतों के बीच संवाद सेतु बने व घोषणा कि आचार्य तुलसी जन्मोत्सव अणुव्रत दिवस के रूप में मनाएंगे। महामंत्री ने हिस्सा लेने की स्वीकृति दी। सामूहिक क्षमा पर्व पर भंवर सिंह चौधरी, तेरापंथ के मंत्री अशोक सिघंवी ने विचार जताए।

सिसोदिया ने गाया भजन
इस अवसर पर आर्यन सिसोदिया ने भजन गाया। शांतिभवन मंत्री नवरतनमल संचेती ने संचालन किया। इससे पहले शान्ति भवन पहुंचने पर मुनियों की अध्यक्ष अर्जुन लाल दुगड़, कंवरलाल, नवरतनमल बम्ब, सुनील छाजेड़, मुकेश भलावत, हनुमान सिंह पोखरणा ने अगवानी की। तेरापंथ के शैलेन्द्र बोरदिया, प्रभाकर नैनावटी, गौतम दुगड़, विमल पित्ललिया, डॉ गौतम रांका, महेन्द्र ओस्वाल, सुन्दरलाल हिरण, सुरेन्द्र मेहता सहित कई श्रावक उपस्थित थे।

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