खादी-ग्रामोद्योग बोर्ड तथा भूदान बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रतनलाल ताम्बी का १७ जनवरी २०२० की रात निधन हुआ था। ताम्बी ने जयपुर स्थित सवाई मानसिंहका चिकित्सालय में अंतिम सांस ली। ताम्बी का निर्वाचन क्षेत्र जहाजपुर विधानसभा क्षेत्र रहा और यहां से कुल सात बार चुनाव लड़ा, इनमें से चार बार चुनाव जीत कर विधायक बने। इनमें से दो बार उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीता।
CM ASHOK GHALOT ताम्बी की जिले की राजनीति के साथ ही प्रदेश में मजबूत आधार माना जाता था। ताम्बी जहाजपुर के गांधी के नाम से भी प्रसिद्ध थे। ताम्बी के पिता धन्नालाल ताम्बी स्वतंत्रता सैनानी थे। ताम्बी अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड गए है, इनमें चार पुत्र व एक पुत्री।
मूलत: जहाजपुर के पण्डेर निवासी ताम्बी ने अपना राजनीतिक जीवन पण्डेर में सरपंच चुनाव जीत कर किया। वे जहाजपुर प्रधान भी रहे। पहला चुनाव वर्ष १९८० में निर्दलीय प्रत्याशी से लड़ा और चुनाव जीता। इसके बाद कांग्रेस के टिकट से १९८५ में चुनाव जीते। वर्ष १९९५ में निर्दलीय चुनाव लड़े और जीते। इसी प्रकार वर्ष १९९८ में उन्होंने कांग्रेस के टिकट से फिर चुनाव जीता। ताम्बी ने अंतिम चुनाव वर्ष २०१३ में पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ा।
ताम्बी हरदेव जोशी मंत्रिमण्डल में राज्य ऊर्जा मंत्री रहे। इसी प्रकार अशोक गहलोत के कार्यकाल में ताम्बी खादी-ग्रामोद्योग बोर्ड के बाद भूदान बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे। सहकारिता क्षेत्र मेंं भी सक्रिय रहेताम्बी सहकारिता क्षेत्र मेंं भी सक्रिय रहे उन्होंने राजनीतिक जीवन में अधिकांश समय सफेद धोती-कुर्ता व टोपी ही धारण की, उन्हें जहाजपुर समेत जिले में कांग्रेस में दूसरे गांधी के रूप में जाना जाता था।
ताम्बी सेण्ट्रल कॉपरेटिव बैंक के निदेशक भी रहे। इसी प्रकार पण्डेर सहकारी समिति के अध्यक्ष के साथ ही विभिन्न सहकार समितियों से जुड़े रहे। ताम्बी मूलत पण्डेर गांव के थे और बाद में जहाजपुर में बस गए।
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष देवेन्द्रसिंह बडलियास का ११ जनवरी २०२० को शनिवार सुबह अजमेर रोड स्थित बडलियास फार्म हाउस में निधन हो गया था। वे ८७ वर्ष के थे और लम्बे समय से अस्वस्थ्य थे। सिंह का अंतिम संस्कार १२ जनवरी की सुबह कोटड़ी तहसील स्थित पैतृक बडलियास गांव में किया गया।
सिंह का राजनैतिक जीवन बडलियास सरपंच से शुरू हुआ, सिंह कोटडी पंचायत समिति प्रधान, बनेडा-हुरड़ा विधानसभा ओर भीलवाड़ा विधानसभा से विधायक रहे। सिंह शिवचरण माथुर मंत्रिमण्डल में कृषि मंत्री तथा अशोक गहलोत सरकार में विधानसभा उपाध्यक्ष रहे। सिंह के पुत्र स्व.मान्धाता सिंह सुवाणा उपप्रधान थे। इसी प्रकार उनके पुत्र विजय सिंह कोटडी पंचायत समिति के प्रधान रहे। सिंह के तीन पुत्रों में लक्ष्मण सिंह राणावत स्पोट्र्स कौसिंल ऑफ पटियाला के डायरेक्टर रहे हैं। सिंह की स्पष्टवादिता के साथ ही पार्टी में कद्दावार नेता की छवि थी।