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भीलवाड़ा

क्यूं अटका गया फिर से सीवरेज का काम, पढिए….

लॉक डाउन में अटकी सीवरेज परियोजना पर अब श्रमिकों का संकट मंडराने लगा है। मौजूदा हाल ये है कि श्रमिकों के पलायन करने से आवागमन में बाधक बन रहे अटके सीवेरज के कार्य को बारिश से पहले दुरस्त करने की समस्या राजस्थान शहरी आधारभूत विकास परियोजना ;आरयूडीआईपीद्ध के सामने आ गई है। दूसरी तरफ बीच राह में अटके निर्माण कार्य कई हिस्सों में लॉक डाउन से दुर्घटना का सबब बनने लगे है।

भीलवाड़ाMay 26, 2020 / 09:15 pm

Narendra Kumar Verma

Why was sewerage work done again? Read it…

Why was sewerage work done again? Read it…

भीलवाड़ा। लॉक डाउन में अटकी सीवरेज परियोजना पर अब श्रमिकों का संकट मंडराने लगा है। मौजूदा हाल ये है कि श्रमिकों के पलायन करने से आवागमन में बाधक बन रहे अटके सीवेरज के कार्य को बारिश से पहले दुरस्त करने की समस्या राजस्थान शहरी आधारभूत विकास परियोजना ;आरयूडीआईपीद्ध के सामने आ गई है। दूसरी तरफ बीच राह में अटके निर्माण कार्य कई हिस्सों में लॉक डाउन से दुर्घटना का सबब बनने लगे है।
आरयूडीआईपी ने शहर में 359.3 करोड़ की सीवरेज परियोजना को हाथ में ले रखा है। परियोजना पर जनवरी 2018 से कार्य जारी है, इसके तहत 3905.65 हैक्टेयर क्षेत्र में 200 से 1800 व्यास की लगभग 410.3 किमी लम्बाई में सीवर लाइन बिछाई जा रही है। दो वर्ष में अभी तक कुल 155 किलोमीटर लम्बाई में ही पाइप लाइन बिछ सकी है यानि अभी पाइप लाइन बिछाने का कार्य शहर में आधा भी नहीं हुआ है। अभी तक शहर में बिछी पाइप लाइन के कार्यों को लेकर भी कई तरह की शिकायतें जनता से लेकर जनप्रतिनिधियों को रही है।
सीवरेज के अधुरे कार्य को लेकर जिला प्रशासन ने भी अधिकारियों को कई मौके पर चेताया है, इसका असर यह रहा की फरवरी माह में कार्य ने गति पकड़ी और व्यवस्थाएं सुधरने लगी, लेकिन संपूर्ण कार्य पटरी पर आने से पहले ही कोरोना संंक्रमण के कारण लगे लॉक डाउन ने सभी व्यवस्थाएं बिगाड़ दी। दो माह बाद लॉक डाउन में निर्माण कार्य शुरू करने की छूट मिली तो अब श्रमिकों की समस्या आ गई है।
राज्यों से जुटे श्रमिक
सीवरेज परियोजना में 80 फ ीसदी श्रमिक गुजरातए बिहारए एमपीए झारखंड राज्य के हैए इनमें अधिकांश श्रमिक होली पर गांव गए थे और सभी को काम पर लौटकर एक अप्रेल से काम शुरू करना थाए लेकिन देश में लॉक डाउन लागू होने से किसी की भी वापसी नहीं हो सकीए यहां भीलवाड़ा में अटके कई श्रमिक भी पलायन कर चुके है।
यहां अटका है काम

शहर में 34 स्थल ऐसे है जहां मेन ***** ;चेम्बरद्धजोडऩे के लिए खोद गए गड्डे गए लोगों की राह रोके गए है। सबसे पहले इन्हें ठीक करने की चुनौती परियोजना अधिकारियों को है, यदि ये मेन ***** बनाने का कार्य एक माह के भीतर पूर्ण नहीं किया गया तो बारिश फिर काम रोक देगी और इसके बाद बारिश थमने यानि सितम्बर माह का इंतजार करना होगा।
एसटीपी व पम्पिंग स्टेशन
सीवरेज प्लांट वर्ष 2044 की आबादी व नगर नियोजन की संभावित तस्वीर पर आधारित है। 30 एमएलडी के एसटीपी सीवरेज प्लांट पर 45 फीसदी काम कुवाड़ा में हो चुका है। ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता पहले चरण के लिए 16ण्33 एमएलडी रहेगी। इसी प्रकार 48 एमडी का पम्पिंग स्टेशन का 65 फीसदी निर्माण कार्य आरसी व्यास नगर कोटा लिंक रोड पर हो चुका है।
यूं काम करेगा सीवरेज प्लांट

सीवरेज प्लांट के जरिए शहर की विभिन्न कॉलोनियों का मकानोंए नालियों व नालों से निकलने वाले गंदे पानी को भूमिगत पाइप लाइन के जरिए एकत्रित कर कुवाड़ा में स्थापित होने वाले ट्रीटमेंट प्लांट पर लाया जाएगा। यहां पानी को ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए शुद्ध कर औद्योगिक इकाईयों के उपयोग में लाया जाएगा।
410 किमी बिछनी है लाइन
सीवरेज प्रणाली के विकास के लिए शहर को 2 जोन एए बीए में विभाजित है। इस परियोजना के तहत जोन ए व बी में कार्य किया जा रहा है। इसके लिए 3905ण्65 हैक्टेयर क्षेत्र में 200 से 1800 व्यास की लगभग 410ण्3 किण्मीण् लम्बाई में सीवर लाइन बिछाई जा रही है। भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर 31ण्5 किमी लम्बाई में भूमिगत लाइन बिछाई जाएगी। 43610 घरों तक सीवर शहर में सीवर प्रणाली तैयार करने के साथ विभिन्न कॉलोनियों के लगभग 43610 घरों को सीवर योजना का लाभ पहुंचाने के लिए 15011 मेनहॉल बनाए जाएंगे। घर को सीवर लाइन में जोडऩे का कार्य भी परियोजना के तहत ही किया जाएगा
ये कॉलोनी हुई लाभांवित
शहर में आरसी व्यासनगर, सुभाषनगर, पथिकनगर, माणिक्यनगर, नेहरू रोड,संजय कॉलोनी आजादनगर, बापूनगर क्षेत्र के कई हिस्सों में पाइपलाइन बिछ चुकी हे। कंचन विहार, जैन ज्योति कॉलोनी, आदर्श नगर, तिलकनगर,दादाबाड़ी, गरीब नवाज कॉलोनी, भवानीनगरए मजिस्ट्रेट कॉलोनी में भी अधिकांशत दो सौ एमएम की पाइप लाइन बिछ चुकी है।
श्रमिकों का आया संकट
लॉकडाउन से दो माह से सीवरेज परियोजना का कार्य प्रभावित है। परियोजना में कार्यरत गुजरात, एमपीए बिहार व झारखंड के अधिकांश श्रमिक पलायन कर चुके है, निर्माण कार्य शुरू करने में अभी श्रमिकों की समस्या बनी हुई है, स्थानीय श्रमिक भी कार्य के लिए अभी राजी नहीं है, प्रयास यही है कि बारिश से पहले मेन ***** निर्माण समेत अन्य छोटे अटके कार्य पूर्ण कर लिया जाए ताकि कई स्थलों पर आवागमन में आ रही समस्या दूर हो सके। परियोजना क्षेत्र के शेष हिस्सों में पाइप लाइन बिछाने और लाइनों को जोडऩे का कार्य बारिश का दौर थमने के बाद सितम्बर माह में शुरू किया जा सकेगा। संपूर्ण कार्य को लेकर अधीक्षण अभियंता देवश शर्मा ने कार्य योजना भी तैयार कर रखी है।
अनिल विजयवर्गीय, अधिशासी अभियंता, आरयूडीआईपी

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