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भीलवाड़ा

सम्यक ज्ञान व सम्यक दृष्टि से भवसागर होगा पार- आचार्य महाश्रमण

गुजरात भाजपा के प्रदेश संगठनमंत्री रत्नाकर ने किए आचार्य के दर्शन

भीलवाड़ाOct 30, 2021 / 09:56 pm

Suresh Jain

सम्यक ज्ञान व सम्यक दृष्टि से भवसागर होगा पार- आचार्य महाश्रमण

सम्यक ज्ञान व सम्यक दृष्टि से भवसागर होगा पार- आचार्य महाश्रमण

भीलवाड़ा।
आचार्य महाश्रमण ने कहा कि मिथ्या दृष्टि वाला इस संसार से पार नहीं पा सकता। जैसे कोई जन्मांध नौका में बैठ भी जाए तो वह बिना देखे तो नौका का संचालन अथवा उस जलराशि का किनारा देखे बिना पार कैसे पा सकता है। मिथ्या दृष्टिवाले जन्मांध की भांति ही होते हैं। इसलिए आदमी के जीवन में सम्यक दृष्टि और सम्यक ज्ञान महत्वपूर्ण होता है। सम्यक ज्ञान के बिना संसार सागर से पार नहीं पाया जा सकता। आदमी को सम्यक ज्ञान और सम्यक दृष्टि की प्राप्ति गुरु से होती है। अज्ञानता अंधकार का रूप है। आदमी को अंधकार से ज्ञान की ओर बढऩे के लिए गुरु आवश्यक होता है, जो उसे सम्यक ज्ञान और सम्यक दृष्टि रूपी व नेत्र प्रदान करता है, जिसके माध्यम से आदमी भवसागर को पार कर सकता है। आदमी को गुरु से सम्यक दृष्टि और सम्यक्ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।
गुजरात भाजपा के प्रदेश संगठनमंत्री रत्नाकर ने आचार्य के दर्शन कर अपने विचार व्यक्त किए। मुनि स्वस्तिक कुमार लिखित पुस्तक आत्म विश्लेषण के सूत्र को जैन विश्व भारती के अध्यक्ष मनोज लुणिया व मुख्य न्यासी अमरचंद लूंकड़ ने लोकार्पित की। आचार्य ने महिला मण्डल अध्यक्ष मीना बाबेल के नेतृत्व में मंडल सदस्यों से कहा कि उनके परिवार के सभी सदस्यों में चाहे वह बड़े हों, युवा हों, महिलाएं अथवा कन्याएं हों या बच्चें हों सभी में धर्म के अच्छे संस्कार रहने चाहिए। परिवार नशामुक्त रहे। साध्वी सम्बुद्धयशा ने भी विच्ाार व्यक्त किया।
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