script1347 किसानों ने कराया था बीमा, सिर्फ 30 ने किया क्षतिपूर्ति का दावा | 1347 farmers had taken insurance, only 30 claimed compensation | Patrika News

1347 किसानों ने कराया था बीमा, सिर्फ 30 ने किया क्षतिपूर्ति का दावा

locationभिंडPublished: Apr 05, 2023 05:30:03 pm

Submitted by:

Vikash Tripathi

ओला व अतिवृष्टि से प्रभावित हुए 1452 किसान

1347 किसानों ने कराया था बीमा, सिर्फ 30 ने किया क्षतिपूर्ति का दावा

1347 किसानों ने कराया था बीमा, सिर्फ 30 ने किया क्षतिपूर्ति का दावा

भिण्ड. प्राकृतिक आपदा में मदद के नाम पर किसानों के साथ इस बार बडा छल हुआ है। 70-80 प्रतिशत क्षति मानने वाले किसान और किसान संगठन सरकार से मुआवजे की उम्मीद लगाए बैठे रहेऔर प्रशासन ने 20-30 प्रतिशत क्षति मानकर मुआवजे से हाथ खडे कर दिए। वहीं प्रभावित हुए 1452 किसानों में से 1347 किसान ऐसे थे जिन्होंने बीमा तो करवाया था लेकिन इनमें से महज 30 ही किसान ऐसे हैं जिन्होंने दावा किया है। ऐसे में किसानों को नुकसान का मुआवजा मिलता दिखाई नहीं दे रहा है।
किसानों ने कम संख्या में फसल बीमा करवाया और उसमें भी दावा नहीं कर पाए। इस बार महज 30 किसानों ने फसल बीमा से क्षतिपूर्ति का दावा पेश किया है। यह दावा भी फसल कटाई प्रयोग के बाद पैमाने पर खरा उतरने की स्थिति में स्वीकृत किया जाएगा। ओला व अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों की संख्या जिले में एक हजार 452 है जबकि फसल बीमा महज 1347 किसानों ने करवाया है। इसमें भी प्राकृतिक आपदा से नुकसान की सूचना तय 72 घंटे की अवधि में केवल 30 किसानों ने दी है। इन किसानों को भी मुआवजा मिलना टेढी खीर होगा। क्योंकि पहले संबंधित पटवारी हल्के में संबंधित फसल का कटाई प्रयोग किया जाएगा। प्रयोग के आधार पर यह तय किया जाएगा कि किसान को वास्तव में नुकसान कितना हुआ है। यह पूरे पटवारी हल्के पर नियम लागू होगा। यदि कोई किसान केवल अपनी फसल का दावा करता है तो उसका अलग से परीक्षण कराया जाएगा।
भारतीय किसान संघ ने दिया ज्ञापन
भारतीय किसान संघ के जिला मंत्री बृजेशबाबू चैधरी के नेतृत्व में दिए गए ज्ञापन में किसानों ने कहा कि फसलों में नुकसान ज्यादा हुआ है जबकि प्रशासन ने केवल 20 प्रतिशत माना है। इससे न तो शासन की ओर से मुआवजा मिल पा रहा है और न ही बीज कंपनियों की ओर से कोई राहत मिल पाएगी। किसान संघ ने समर्थन मूल्य के खरीद केंद्र शुरू न होने का विषय भी उठाया। किसानों ने कहा कि जब तक खरीद केंद्र चालू न हों तब तक बाजार के भावों पर नियंत्रण किया जाए। ज्ञापन देने वालों में भारतीय किसान संघ के संभागीय उपाध्यक्ष लक्ष्मण ङ्क्षसह नरवरिया, जिला उपाध्यक्ष हाकिम ङ्क्षसह यादव, संयोजक सोनू भदौरिया, बृजमोहन बौहरे कनेरा, रामपाल एवं दीनदयाल यादव शामिल रहे।
1350 हेक्टेयर प्राकृतिक आपदा से प्रभावित
जिले में प्रकृतिक आपदा से प्रभावित कृषि भूमि का रकवा प्रशासन ने एक हजार 350 हेक्टेयर माना है। जबकि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमित रकवा 19 हजार 223 हेक्टेयर है। इसके लिए किसानों ने 88 लाख 26 हजार 904 लाख रुपए बतौर प्रीमियम भी जमा करवाए हैं। बीमित रकवे का मूल्य 59.14 करोड रुपए से अधिक है। लेकिन किसान इसके बावजूद मुआवजा प्राप्त नहीं कर पाएंगे, क्योंकि ज्यादातर किसानों ने तय समय सीमा में इसकी सूचना संबंधित बैंक और बीमा प्रतिनिधि को नहीं दी है। केवल 30 किसानों ने सूचना दी है।
&किसान कम संख्या में फसल बीमा करवाते हैं, फिर समय पर क्लेम नहीं करते। इस बार 30 किसानों ने क्लेम किया है। फसल कटाई प्रयोग के आधार पर पांच साल के औसत के आधार पर मुआवजा तय होता है। वर्ष 2019-20 में करीब चार करोड रुपए की राशि मुआवजे में वितरित की थी।
पुष्पेंद्र ङ्क्षसह, जिला प्रतिनिधि, पीएम फसल बीमा योजना, भिण्ड।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो