वार्ड नंबर 26 में सर्किट हाउस के पास बायपास रोड पर लोहपीटा एवं पत्थर तराशने वाले घुमंतू समाज के लगभग 60 परिवार झुग्गियां बनाकर रहते हैं। कुछ परिवार ब्लाक कॉलोनी की साइड में स्टेडियम की चहारदीवारी के किनारे और कुछ परिवार स्वतंत्र नगर के सामने एमजेएस कालेज की बाउण्डरी वॉल के किनारे रहते हैं। नगर पालिका ने जनवरी 2017 में स्वच्छ भारत मिशन शहरी कार्यक्रम के तहत यहां लगभग 2.00 लाख रुपए की लागत से 10 शौचालयों का निर्माण कराया है। नपा के अभिलेख में इनमें से 5-5 शौचालय अलग-अलग लोकेशनों पर होना दर्ज हैं, पर हकीकत में ये एक ही जगह बने हुए हैं जिससे लगभग 1500 मीटर दूर बसी दूसरी झुग्गी बस्ती के लोगों को इनका लाभ नहीं मिल पा रहा है। घटिया निर्माण के कारण इनकी छतें व दीवारें दरक रही हैं, किबाड़ टूट गए हैं। शौचालयों के सेप्टिक टेंक या तो बने नहीं हैं या बहुत छोटे गड्ढे बना दिए हैं। यहां पानी की सतत उपलब्धता के लिए नलकूप या हैण्डपंप की व्यवस्था नहीं की गई है, शौचालयों में पानी की टंकी व नल भी नहीं हैं।
बजट राशि निपटाने मनमाने तरीके से बने शौचालय सोशल वर्कर डॉ वीडी दुबे कहते हैं, सरकार घरों में शौचालय बनाने के लिए 12500 रुपए देती है जिससे एक बढिय़ा शौचालय बन जाता है, लेकिन नगरपालिका जो शौचालय बनाती है, उस पर प्रति शौचालय 20 से 25 हजार रुपए लागत कैसे आ जाती है? जबकि उनका निर्माण बेहद घटिया व निम्र स्तर का है। शौचालय तब ही उपयोगी होते हैँ जब वहां पानी की नियमित व्यवस्था हो, नपा ने ये शौचालय शोपीस हैं। उन्हें बजट राशि निपटाने के लिए मनमाने ढंग से बनाया गया है जिसकी जांच होनी चाहिए।
दो साल में इन झुग्गी बस्तियों में बने पब्लिक टायलेट ड्डवार्ड 26 में सर्किट हाउस के सामने 5 शौचालय। निर्माण की लागत 98,828 रुपए। ड्डवार्ड 26 में एमजेएस कालेज के राजीव गांधी स्टेडियम के बगल से झुग्गी मोहल्ले में 5 शौचालय। लागत 98,875 रुपए।
ड्डवार्ड 11 में नपा के पीछे झुग्गी बस्ती में 5 शौचालय। लागत 98, 828 रुपए। ड्डवार्ड 11 में विकास नगर में स्थित झुग्गी बस्ती में 5 शौचालय। लागत 98,828 रुपए। ड्डवार्ड 11 में गंदी बस्ती सुंदरपुरा में 5 शौचालय। लागत 1,05,104 रुपए।
ड्डवार्ड 11 में ही गंदी बस्ती जैन मंदिर के पीछे 5 शौचालय। इन सभी शौचालयों का निर्माण 6 जनवरी 2017 को पूरा हुआ। ड्ड वार्ड नंबर 31 महावीरगंज में नाले के पास 5 शौचालय। लागत 86,907 रुपए। निर्माण 15 सितंबर 2015 को पूरा।
-जहां जहां पब्लिक शौचालय बनाए गए हैं, उनका निरीक्षण करूंगा। उनकी नियमित सफाई तथा वहां पानी की स्थायी व्यवस्था कराई जाएगी। सुरेन्द्र शर्मा, सीएमओ नगर पालिका भिण्ड