पिछले चार- पांच दिन से खाद की समस्या चल रही है। इन दिनों में तो खाद की कमी आ गई है इसके पहले पीओएस मशीन से वितरण प्रक्रिया के कारण खाद बिक्री केंद्रों पर लंबी कतारें लग रही थीं। जब बिक्री केंद्रों खाद की कमी हो गई तब निजी कारोबारियों ने खाद की बोरी 50 रुपए से अधिक बेचना शुरू कर दिया। अकोड़ा के किसानों में तिलकसिंह यादव, जसवंत कुशवाह, प्रमोद यादव, अनिल यादव आदि का कहना है कि उन्हें 350 रुपए की कीमत के हिसाब से खाद की बोरियां खरीदने को मजबूर होना पड़ा है। इनका कहना है कि इस प्रकार की समस्याएं किसानों के सामने हर सीजन में आती हैं इसके बाद भी इनके समाधान के लिए अब तक आवश्यक पहल नहीं की गई है। खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए कोई जांच पड़ताल एवं कार्रवाई नहीं की जा रही है।
अन्य जिलों में रैक पाइंट पर भिण्ड जिले में नहीं खाद के लिए भिण्ड के निकटस्थ के जिलों मुरैना, ग्वालियर व दतिया में रैक पाइंट हैं लेकिन भिण्ड जिले में रैक पाइंट नहीं है। इस कारण इन जिलों में खाद की उपलब्धता होने पर जिले में खाद की आपूर्ति हो पाती है। इस प्रकार के हालात में किसानों को परेशानी का सामना करने को मजबूर होना पड़ रहा है। समस्या के समाधान के अब तक अपेक्षित पहल न किए जाने के कारण इस प्रकार के हालात बने हैं।
कई बार की शिकायत, नहीं होता समाधान उल्लेखनीय है कि जिले भर में हर सीजन में खाद के लिए किसानो को परेशान होना पड़ता है। इसके लिए वह संबंधित अधिकारियों सहित कलेक्टर और जनप्रतिनिधियों को कभी लिखित में तो कभी मौखिक रूप से अवगत कराते हैं। साथ ही उनसे समस्या समाधान की मांग करते हैं। जहां से उन्हें सिर्फ आश्वासन के कुछ नहीं मिलता है।
एक-दो दिन में बन जाएगी सामान्य स्थिति खाद की कमी नहीं है लेकिन पिछले दिनों कोहरे के कारण रैक लगने में विलंब होनेे और इधर मांग बढऩे से कमी के हालात बने हैं एक- दो दिन में खाद को लेकर स्थिति सामान्य हो जाएगी।
एसपी शर्मा, उप संचालक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, भिण्ड