मान्यता है कि दंदरौआ धाम के सखी हनुमानजी आदि वैद्य हैं। इनके दर्शन मात्र से शरीर के विभिन्न रोगों का निवारण हो जाता है। हर साल आज के दिन लाखों की संख्या में भक्त डॉक्टर हनुमान के दर्शन करने आते हैं।
श्रद्धालुओं की संख्या को देकते हुए यहां प्रशासन द्वारा व्यवस्था मे चार एंबुलेंस तैनात की गई हैं। मंदिर परिसर में डॉक्टर की दो टीम मय दवाईयों के मौजूद है। वही मुख्य मार्गों के तीनों नाकों पर श्रद्धालुओं को वैक्सीन लगाने की सुविधा दी गई है। प्रशासन ने हर एक नाके पर 20 रोजगार सहायक तैनात किए है।
रास्ते में होगी चाय-पानी की व्यवस्था
बुढ़वा मंगल के अवसर पर दंदरौआ धाम आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मेहगांव-मौ रोड पर कई स्थानों पर समाजसेवियों एवं हनुमान भक्तों द्वारा जगह-जगह चाय पानी की व्यवस्था कराई गई है।
बुढ़वा मंगल पर क्यों पूजे जाते हैं हनुमान
अचंल के सबसे प्रसिद्ध हनुमान मंदिरों में से एक दंदरौआ धाम में सुबह से ही भीड़ है। दंदरौआ धाम के महंत महामंडलेश्वर रामदास महाराज ने बताया कि आज के ही दिन हनुमान जी माता सीता की खोजकर लंका से लौटे थे। इससे खुश होकर राम भगवान ने उन्हें गले से लगाया और अपने सबसे प्रिय भक्त होने का सम्मान दिया।
विश्व में दुर्लभ है ये मूर्ति
विश्व में अनोखे हैं दंदरौआ महाराज, इस वजह से सबसे अलग है हनुमान जी का ये रूप दंदरौआ वाले हनुमान पूरे विश्व में सबसे अलग और अनोखे हैं। हनुमान जी महाराज का जो रूप यहां देखने को मिलता है, वो पूरी दुनिया में कहीं नहीं मिलता। यहां हनुमानजी नृत्य की मुद्रा में विराजमान है, जो पूरी दुनिया में कहीं और शायद ही देखने को मिले। यह मूर्ति करीब 300 साल पुरानी है और यह दिव्य मूर्ति एक तालाब में मिली थी।
हनुमान जी यहां डॉक्टर हनुमान
ये ना कोई एमबीबीएस डॉक्टर है ना ही कोई वेद ना ही ये कोई योग सिखाकर लोगों का इलाज करते हैं, फिर भी लोग इन्हें डॉक्टर साहब कहते हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं दंदरौआ वाले हनुमान जी महाराज की, जो पूरे देश में डॉक्टर हनुमान के नाम से जाने जाते हैं। हनुमान जी महाराज भगवान से ज्यादा डॉक्टर माने जाते हैं और कई असाध्य रोगों को ठीक करने में महारत रखते हैं। डॉ. हनुमान उनके सभी असाध्य रोगों का सटीक इलाज करते हैं।
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ऐसे नाम पड़ा दंदरौआ
श्रद्धालुओं के विशेष रूप में फोड़ा, अल्सर और कैंसर जैसी बीमारियां भी मंदिर की पांच परिक्रमा करने पर ठीक हो जाती हैं। श्रद्धालुओं का दर्द दूर करने वाले हनुमान जी को पहले दर्द हरौआ कहा जाता था जिसका अर्थ दर्द को हरने वाले, जो कि अपभ्रंश होकर दंदरौआ हो गया। यहां आने वाले श्रद्धालुओं का मानना है कि डॉक्टक हनुमान के पास सभी प्रकार के रोगों का कारगर इलाज है। यही कारण है कि यहां दूर-दूर से लोग अपनी बीमारी से छुटकारा पाने के लिए आते हैं।