किसानों को विकसित खेती और उन्नत फसल के गुर सिखाने के उद्देश्य से शासन द्वारा प्रति वर्ष किसानों को प्रशिक्षण के लिए विभिन्न कृषि अनुसंधान केंद्र व विज्ञान केंद्र ले जाया जाता है। किसानों को लाने और ले जाने की सुविधा के अलावा उनके खाने और ठहरने पर होने वाला खर्च शासन द्वारा वहन किया किया जाता है। लेकिन भाई-भतीजा वाद और भ्रष्टाचार के चलते वास्तविक किसानों को भ्रमण कर प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर ही नहीं मिल पा रहा। सोमवार दोपहर दो बजे 36 सदस्यीय कृषक भ्रमण दल को इटावा रोड नेशनल हाईवे 92 पर मिट्टी परीक्षण केंद्र के सामने से रवाना किया गया। भ्रमण दल की बस को जिला पंचायत अध्यक्ष रामनारायण हिण्डोलिया, कृषि स्थाई समिति सभापति आशीष भदौरिया एवं जिला पंचायत सदस्य मान सिंह कुशवाह लालू ने संयुक्त रूप से दिखाई।
उप्र के अनुसंधान व विज्ञान केंद्रों का करेंगे भ्रमण 36 सदस्यीय दल को पांच दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम के तहत कृषि विज्ञान केंद्र इटावा, भारतीय दलहन अनुसंधान केंद्र कानपुर, वन अनुसंधान केंद्र कानपुर, चंद्रशेखर आजाद विश्वविद्यालय कानपुर एवं रूरा मल्लू कृषि विज्ञान केंद्र जालौन यूपी ले जाया गया है जहां 07 दिसंबर तक किसान वैज्ञानिक पद्धति से होने वाली खेती के गुर सीखेंगे।
कार्यक्रम की नहीं दी सूचना मेहगांव विकासखण्ड के ग्राम नीमगांव निवासी कृषक रामखिलावन पुत्र छोटेलाल, अशोक कुमार पुत्र रामभरोसे, भिण्ड विकास खण्ड के कृषक भमर सिंह पुत्र जयलाल, कलियान सिंह पुत्र राधेश्याम सिंह ने बताया कि उन्हें कृषक भ्रमण की सूचना ही नहीं है। ऐसा पहली बार नहीं प्रतिवर्ष ऐसा ही किया जाता है। भ्रमण दल जब लौट जाता है तब अखबारों के जरिए पता चलता है कि कृषि विभाग की ओर से प्रशिक्षण के लिए किसानों को भ्रमण पर ले जाया गया था। हैरानी की बात ये है कि कृषक भ्रमण कार्यक्रम की सूचना मीडिया को भी नहीं दी गई। यदि पूर्व से इसकी सूचना प्रकाशित की जाती तो पूर्व से वंचित कृषकों भी उन्नत खेती के गुर सीखने का मौका मिल जाता।
वर्जन -किसानों को प्रति वर्ष प्रशिक्षण भ्रमण से वंचित कर उन्हें ले जाया जा रहा है जो या तो उनके रिश्तेदार हैं या फिर उन्हें सुविधा शुल्क देते है। संजीव बरुआ, अध्यक्ष किसान संघर्ष समिति
-जिन किसानों ने जाने में असमर्थता दिखाई थी उनके बेटों को व्यवहारिक तौर पर भ्रमण दल में शामिल कर लिया है। विष्णु शर्मा, प्रभारी कृषक भ्रमण दल -यदि भ्रमण में एक भी कृषक को फर्जी तरीके से शामिल कर ले जाया गया है तो दल की सूची का भौतिक सत्यापन करवा कर कार्यवाही कराई जाएगी।
आशीष भदौरिया, कृषि स्थाई समिति सभापति एवं सदस्य जिपं